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प्रयागराज का ₹60 हजार तक पहुंचा हवाई किराया

प्रयागराज का ₹60 हजार तक पहुंचा हवाई किराया

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मुनाफाखोरी : महाकुम्भ में एयरलाइन कंपनियों की मनमानी, किराए में 600 फीसदी की बढ़ोतरी

Prayagraj news : आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या से पहले ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस समय प्रयागराज में देश-दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि इस रूट के लिए हवाई किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। हवाई किराए में इस समय करीबन 600 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है।

किस रूट पर कितना किराया

ट्रैवल पोर्टल स्काईस्कैनर के अनुसार, दिल्ली-प्रयागराज के लिए हवाई टिकट की कीमतें आसमान पर हैं। सोमवार सुबह 11 बजे तक वन-वे टिकट की कीमत 21 हजार रुपए से अधिक देखी गई थी। मुंबई से प्रयागराज के टिकट की कीमत 22 हजार से 60 हजार रुपए के बीच है। बेंगलुरु से आने वाले तीर्थयात्रियों को सीधे एक तरफ के टिकट के लिए 26 हारा से 48 हजार रुपए के बीच है। आमतौर पर इस इन शहरों की एकतरफा किराया लगभग 5,000 से 7000 रुपए होता है।

हालांकि, अब नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने महाकुम्भ के मद्देनजर एयरलाइन कंपनियों से प्रयागराज जाने वाली उड़ानों के हवाई किराए को तर्कसंगत बनाने को कहा है। बता दें कि महाकुम्भ में अब तक 12 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर आठ से दस करोड़ की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।

81 अतिरिक्त फ्लाइट्स की मंजूरी

डीजीसीए ने 81 अतिरिक्त उड़ानों को भी मंजूरी दे दी है, जिससे महाकुम्भ के कारण मांग को पूरा करने के लिए प्रयागराज के लिए हवाई संपर्क बढ़ाकर देश भर से 132 उड़ानें कर दी गई हैं। एयरलाइंस ने हमेशा आपूर्ति और मांग के एक समारोह के रूप में टिकट की कीमतों में वृद्धि का बचाव किया है। हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि यह मुनाफाखोरी के बराबर है। त्योहारी सीजन के दौरान यात्रा एक समस्या बन गई है। पिछले साल फरवरी में एक संसदीय समिति ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार को हवाई किराए में अचानक वृद्धि को कंट्रोल करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने चाहिए। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पहले आश्वासन दिया था कि वह लगातार बढ़ती उड़ान टिकट की कीमतों की समीक्षा करेंगे। नायडू ने कहा था, ‘मैं वास्तव में इस मुद्दे पर विचार करना चाहता हूं कि कैसे इसे देश के लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाया जाए।

प्रयागराज स्टेशन पर प्रवेश और निकास बदला

प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ में 29 जनवरी को सबसे बड़े अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर आने वाले भक्तों की भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन, नैनी और दूसरे रेलवे स्टेशनों में घुसने और निकलने के रास्ते बदल दिए हैं। रेलवे की कोशिश है कि स्टेशन के एक साइड से लोग घुसें और दूसरी साइड से निकलें। प्रयागराज रेल मंडल ने शहर के सभी स्टेशनों पर 29 जनवरी को यात्रियों के आने-जाने के लिए विशेष योजना बनाई है। ये प्रतिबंध मौनी अमावस्या के एक दिन पहले यानी 28 जनवरी से लागू होंगे और दो दिन बाद तक यानी 31 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे।

प्रयागराज जंक्शन

मौनी अमावस्या स्नान के दिन प्रयागराज जंक्शन पर प्रवेश केवल सिटी साइड यानी प्लेटफ़ॉर्म नंबर 1 की ओर से दिया जाएगा। निकास केवल सिविल लाइंस साइड यानी नंबर 6 की ओर से होगा। रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को सिटी साइड के गेट नंबर 5 से अलग से प्रवेश मिलेगा, जबकि बिना रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को दिशावार कलर कोडेड आश्रय स्थलों के जरिए प्रवेश कराया जाएगा। टिकट के लिए आश्रय स्थलों में ही टिकट काउंटर, टिकट वेंडिंग मशीन और मोबाइल टिकटिंग की व्यवस्था रहेगी। भीड़ का प्रबंधन करने के लिए खुसरो बाग में एक लाख लोगों के ठहरने के लिए होल्डिंग एरिया का निर्माण भी किया गया है।

नैनी, छिवकी, सूबेदारगंज स्टेशन

नैनी जंक्शन में प्रवेश केवल स्टेशन रोड से और निकास केवल मालगोदाम की ओर से होगा। आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से अलग से प्रवेश दिया जाएगा। छिवकी स्टेशन पर प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से और निकास केवल जीईसी नैनी रोड की ओर से होगा। आरक्षित यात्री गेट नंबर 2 से प्रवेश करेंगे। सूबेदारगंज स्टेशन में प्रवेश झलवा, कौशाम्बी रोड की ओर से होगा, जबकि निकास केवल जीटी रोड की ओर होगा। आरक्षित यात्री गेट नंबर 3 से प्रवेश करेंग।

अनारक्षित टिकट वाले यात्रियों के लिए सभी स्टेशनों पर दिशावार कलर कोडेड आश्रय स्थल बनाये गये हैं। वहां से यात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशन के मुताबिक आश्रय स्थलों में अलग-अलग कलर के टिकट के हिसाब से प्लेटफार्म तक पहुंचाया जाएगा। वहां से नियमित और मेला स्पेशल ट्रेनों से यात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशनों के लिए रवाना किया जाएगा।

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