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रिम्स का मास्टर री-डेवलपमेंट प्लान शीघ्र बनायें : हेमन्त

रिम्स का मास्टर री-डेवलपमेंट प्लान शीघ्र बनायें : हेमन्त

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▪︎ रिम्स के पुनर्विकास एवं विस्तार की प्रस्तावित कार्य योजना की ली जानकारी, दिए कई दिशा-निर्देश

▪︎ कई विभागों के अधिकारियों के साथ की उच्चस्तरीय बैठक

Ranchi News: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोमवार को झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों के साथ की उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान, (रिम्स) रांची के पुनर्विकास एवं विस्तार से सम्बन्धित प्रस्तावित कार्य योजना की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि रिम्स का एक बेहतर मास्टर री-डेवलपमेंट प्लान शीघ्र तैयार करें। रिम्स के नये री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान में भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए सभी चीजें सुसज्जित तरीके से व्यवस्थित करने की कार्य योजना बनायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में रिम्स की अलग पहचान होनी चाहिए। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स के री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान में सभी हॉस्टल्स को एक जगह, सभी रेजिडेंशियल काॅम्पलेक्स को नॉर्थ ब्लॉक में शिफ्ट करने का प्लान बनाया जाये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्तमान में रिम्स परिसर के 1600 बेड वाले इनडोर क्षेत्र का रिनोवेशन करें तथा बेसमेंट क्षेत्र को सील करने का कार्य करें, ताकि बार-बार होनेवाला वाटर लॉगिंग रोका जा सके। बैठक में रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार एवं मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. हीरेंद्र बिरुआ भी उपस्थित थे।

प्रस्तावित आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण करें

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों से प्रस्तावित आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स के टेंडर प्रक्रिया की जानकारी ली। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि रांची में दो आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स तथा डाल्टनगंज में दो आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, इन चारों हॉस्टल्स का टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। रांची के विमेंस कॉलेज (साइंस ब्लॉक) परिसर में 525 अनुसूचित जनजाति के छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण तथा आदिवासी हॉस्टल कैंपस में 525 छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, वहीं पलामू जिला के डाल्टनगंज स्थित बाईपास रोड रेड़मा में एसटी वर्ग के लिए 525-525 विद्यार्थियों का दो छात्रावास का निर्माण कार्य किया जाना है। उक्त सभी छात्रावासों का निर्माण कार्य अगले एक महीने के भीतर प्रारम्भ कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नवनिर्मित सभी छात्रावासों में बाउंड्री वॉल, सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मी, रसोईया, जरूरी फर्नीचर इत्यादि सभी सुविधाओं से सम्बन्धित व्यवस्था दुरुस्त रहे, यह हर हाल में सुनिश्चित की जाये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रस्तावित सभी छात्रावास निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण होनी चाहिए। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें। समय सीमा और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार्य नही होगी। साथ ही, मुख्यमंत्री ने छात्रावास निर्माण से सम्बन्धित कई महत्त्वपूर्ण निर्देश भी अधिकारियों को दिये। 

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वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी क्षेत्र में आनेवाले गाँवों के विकास कार्यों की बाधाओं को दूर करने के निर्देश

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के भीतर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के अंतर्गत आनेवाले ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों की बाधाओं को दूर करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन क्षेत्र में बसे गांवों में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का अपेक्षा अनुरूप विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मधुबन से पारसनाथ (सिकर) हिलटॉप तक जोड़नेवाली सड़क के पुनर्निर्माण कार्य की बाधाओं को शीघ्र दूर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक महत्त्वपूर्ण सड़क मार्ग है। इसके जर्जर होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन एवं पर्यावरण विभाग के जटिल नियमों की वजह से वन क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले गांवों के कई महत्त्वपूर्ण विकास कार्यों में बाधा पहुंच रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी जरूरी सुविधाओं को पहुंचना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। 

बैठक में थे शामिल

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री सत्यजीत सिंह, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, भवन निर्माण विभाग के सचिव अरवा राजकमल, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के. श्रीनिवासन, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशिकर सामंता, मुख्य वन संरक्षक एस. आर. नटेश सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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