New Delhi News: लोकसभा ने बुधवार को रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक 1905 के रेलवे बोर्ड अधिनियम और 1989 के रेलवे विधेयक को एकीकृत करेगा।
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बुधवार को विधेयक पर पिछले दिनों हुई चर्चा का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड और रेलवे से जुड़े विधेयक को एकीकृत करने से रेलवे का विकास और कार्यदक्षता बढ़ेगी। विधेयक के माध्यम से कानूनी ढांचे का सरलीकरण होगा।
10 साल में रेलवे में विकेन्द्रीकरण का कार्य हुआ
रेल मंत्री ने विपक्ष को रक्षा और रेलवे को राजनीति से दूर रखने की अपील करते हुए उसके केन्द्रीकरण और निजीकरण से जुड़े आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में रेलवे में विकेन्द्रीकरण का कार्य हुआ है। काम में तेजी आयी है।
वैष्णव ने कई मुद्दों पर चरणबद्ध तरीके से विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि रेलवे में एसी और नॉन एसी कोच का अनुपात लगातार बरकरार रखा गया है। साथ ही, नॉन एसी श्रेणी में अमृत भारत ट्रेन लायी गयी हैं। आज इनके माध्यम से 400 रुपये में एक हजार किमी की यात्रा की जा सकती है।
मोदी के 10 वर्षों के दौरान 5.20 लाख लोगों को नौकरियां दी गयी
मंत्री ने विपक्ष के रेलवे सुरक्षा से जुड़ी चिन्ताओं का भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले रेल दुर्घटनाओं में 75 प्रतिशत और पटरी से उतरने की घटनाओं में 78 प्रतिशत की कमी आयी है। उन्होंने रोजगार पर कहा कि यूपीए के कार्यकाल में 4.11 लाख को रेलवे में नौकरियां दी गयी थी। अब प्रधानमंत्री मोदी के 10 वर्षों के दौरान 5.20 लाख लोगों को नौकरियां दी गयी हैं। हमने चयन प्रक्रिया को भी कैलेंडर आधारित, सरल और पेपर लीक से मुक्त रखा है।
भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 निरस्त
भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 के तहत केन्द्र सरकार रेलवे के सम्बन्ध में अपनी शक्तियों और कार्यों को रेलवे बोर्ड में निवेश कर सकती है। विधेयक 1905 अधिनियम को निरस्त करता है और इन प्रावधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल करता है।