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महाकुम्भ में बने रिकॉर्ड, लगातार 33 दिन तक रुद्री पाठ संहिता का हुआ 11,151 बार पाठन

महाकुम्भ में बने रिकॉर्ड, लगातार 33 दिन तक रुद्री पाठ संहिता का हुआ 11,151 बार पाठन

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▪︎ महाकुम्भ में 26 लाख से अधिक रुद्री पाठ मंत्रोच्चार कर बनाये गये ऐतिहासिक रिकॉर्ड

▪︎ महाकुम्भ में दिव्य ज्योति वेद मंदिर ने वैदिक मंत्रोच्चार से रचा इतिहास

Mahakumbh Nagar News: प्रयागराज महाकुम्भ मेला में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रकल्प दिव्य ज्योति वेद मंदिर ने एशिया और इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर इतिहास रच दिया है। यह रिकॉर्ड शिविर में 504 ब्रह्मज्ञान में दीक्षित वेदपाठियों के नॉन-स्टॉप 33 दिवस-रात्रि तक रुद्री संहिता का पाठन कर बनाया गया। एशिया और इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड के आधिकारिक निर्णायक प्रमिल द्विवेदी ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के अध्यक्ष, स्वामी आदित्यानंद और सचिव, स्वामी नरेन्द्रानन्द को रविवार को रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया।

14 जनवरी को प्रात: 3:00 बजे से प्रारम्भ हुए इस रुद्रिपाठ का 16 फरवरी 2025 प्रात: 4:00 बजे समापन हुआ
इस सुअवसर पर आज अपने विचार साझा करते हुए द्विवेदी ने कहा, ‘संस्थान की वैदिक मंत्रोच्चार की यह पहल सराहनीय है। आज दिव्य ज्योति वेद मंदिर को दो रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। जिस शुद्ध उच्चारण एवं नि:स्वार्थ भावना से इन वेदपाठियों ने यह असाधारण एवं ऐतिहासिक रिकॉर्ड को स्थापित किया है। मुझे विश्वास है कि यह भारतीय वैदिक संस्कृति को पोषित एवं पल्लवित करने में अपनी अग्रणीय भूमिका निभायेगा। उन्होंने बताया कि 14 जनवरी, 2025 को प्रात: 3:00 बजे से प्रारम्भ हुए इस रुद्रिपाठ का 16 फरवरी 2025 प्रात: 4:00 बजे समापन हुआ। इस रिकॉर्ड में कुल 566 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा शुक्ल यजुर्वेद से रुद्राष्टाध्यायी संहिता (रुद्री पाठ) का 11,151 बार पाठन किया गया, जिसमें कुल 26,42,409 मंत्रों का जाप 794 घण्टों तक हुआ।’

वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य-शिष्याएं
रिकॉर्ड में सम्मिलित सभी वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य-शिष्याएं हैं, जो देश-विदेश से संस्थान के महाकुम्भ के सेक्टर 09 के शिविर में पधारे थे। दिव्य ज्योति वेद मंदिर की इंचार्ज, साध्वी दीपा भारती ने कहा, ‘संस्थान को इस बात पर गर्व है कि वह ऐसी असाधारण पहल करने वाला पहला आध्यात्मिक संगठन है, लेकिन यह उपलब्धि सिर्फ रिकॉर्ड बनाने के बारे में नहीं है, अपितु वैदिक मंत्रोच्चार के माध्यम से प्रत्येक हृदय में शांति और एकता की भावना को जगाना ही हमारा परम लक्ष्य है।

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में पंजीकृत
दिव्य ज्योति वेद मंदिर द्वारा आयोजित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) सेक्टर-09 में एक परियोजना के शिविर में इस पवित्र तप कर्म रिले के लिए 504 ब्रह्मज्ञानी वैदिक विद्वानों को एक साथ लाया, जिन्होंने 792 घंटों तक लगातार जाप किया। इसमें कुल 25,61,328 वैदिक मंत्र शामिल हैं, जिसमें शुक्ल यजुवेर्दीय रुद्र अष्टाध्यायी पाठ के 11,151 प्रतिपादन शामिल हैं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि 14 जनवरी 2025 को सुबह 03 बजे शुरू हुई और 16 फरवरी 2025 को 04 बजे समाप्त हुई। महाकुम्भ मेले के दौरान इसे आधिकारिक तौर पर एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में पंजीकृत किया गया।
उल्लेखनीय है कि 180 से अधिक शहरों के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने विश्व शांति और मानवता के कल्याण को बढ़ावा देने के महान इरादे से इन मंत्रों का नि:स्वार्थ भाव से उच्चारण करने का संकल्प लिया। सभी वेदपाठियों ने इस कीर्तिमान में योगदान दिया। ये वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य हैं, जिन्होंने महाकुम्भ में इस भव्य आध्यात्मिक प्रसाद में भाग लिया है।

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