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हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाना साहित्योदय का संकल्प

हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाना साहित्योदय का संकल्प

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Ranchi news : विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय के बैनर तले ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम् ने हिन्दी के विकास हेतु साहित्योदय के कार्यों दर्शाते हुए कहा कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु एक व्यापक अभियान चलाया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन बिन्दु प्रसाद रिद्धिमा ने किया, जबकि अध्यक्षता सुनीता श्रीवास्तव साबू ने किया। करीब डेढ़ घण्टे तक चले कार्यक्रम में रांची से रश्मि सिंह, पुष्पा पाण्डेय, ऋतुराज वर्षा, नंदिनी प्रणय, सीमा सिन्हा मैत्री, डॉ. आकांक्षा चौधरी, डॉ. विनय कुमार वर्मा जादूगर, धनबाद से डॉ. सुदेश चुघ, छतीसगढ़ से अनिता मंदिलवार, चंडीगढ़ से गणेश दत्त बजाज और जयपुर से डॉ. कंचना सक्सेना ने हिन्दी की वर्तमान स्थिति पर अपनी कविताओं के माध्यम से गहन चिंतन करते हुए राष्ट्रभाषा बनाने का संकल्प लिया। सभी को हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि साहित्योदय पिछले कई वर्षों से हिन्दी के विकास हेतु निरन्तर प्रयासरत है और सैकड़ों आयोजन कर चुका है। हिन्दी भाषा बोली के साथ-साथ राष्ट्राचेतना, भारतीय सहित्य, सभ्यता, कला और प्राचीनतम संस्कृति के उत्थान में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। खासकर, नवोदित कलमकार और घरेलू महिला रचनाकारों के लिए साहित्योदय किसी वरदान से कम नहीं है। अब तक 03 हजार से अधिक लोगों को वैश्विक मंच प्रदान कर चुका है और पूरे विश्व में हिन्दी साहित्य का प्रसार कर रहा है।

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