• “आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते“
New Delhi News : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखरवार्ता में याद दिलाया कि संगठन के चार्टर में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को स्पष्ट रूप से चुनौती माना गया है। ऐसे में सीमा पार से इस तरह की गतिविधियां होती रहेंगी, तो सहयोग विशेषकर क्षेत्रीय सहयोग सम्भव नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और सम्प्रभुता पर आधारित होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यदि सीमा पार की गतिविधियां- आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद होंगी, तो समानांतर रूप से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान के प्रोत्साहन की सम्भावना नहीं होंगी।’
एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में संगठन में शामिल देशों के शीर्ष नेता शामिल होते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्थान पर बैठक में शिरकत करने पहुंचे कल यहां पहुंचे थे।
एससीओ की बैठक में शामिल हुए थे विदेश मंत्री
बुधवार को एससीओ की बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सहयोग एकतरफा एजेंडे पर नहीं, बल्कि वास्तविक साझेदारियों पर बनाया जाना चाहिए। हमारे प्रयास तभी आगे बढ़ेंगे, जब चार्टर के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ रहेगी। यह स्वयंसिद्ध है कि विकास और प्रगति के लिए शांति और स्थिरता की आवश्यकता होती है।…और, जैसा कि चार्टर में कहा गया है, इसका मतलब है ‘तीन बुराइयों’ का मुकाबला करने में दृढ़ता से करना और इनसे समझौता न करना। उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्षों की बीच जलवायु परिवर्तन की गम्भीर समस्या, आपूर्ति श्रृंखला की अनिश्चितता और वित्तीय अस्थिरता वृद्धि और विकास को प्रभावित कर रहे हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। प्रौद्योगिकी बड़ी सम्भावनाएं रखती है, लेकिन साथ ही नयी चिन्ताओं को भी जन्म देती है। एससीओ के सदस्यों को इन चुनौतियों पर कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, इस पर विचार करना होगा। विदेश मंत्री ने इस दौरान वैश्विक संस्थाओं में बदलाव की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में व्यापक सुधार आवश्यक है।
” हमारी अपनी वैश्विक पहल और राष्ट्रीय प्रयास भी एससीओ के लिए अत्यधिक प्रासंगिक हैं“
भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी अपनी वैश्विक पहल और राष्ट्रीय प्रयास भी एससीओ के लिए अत्यधिक प्रासंगिक हैं। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देता है। आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन हमें जलवायु घटनाओं के लिए तैयार करता है। मिशन ह्यलाइफह्ण एक स्थायी जीवन शैली की वकालत करता है। योगाभ्यास और मोटा अनाज को बढ़ावा देने से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर फर्क पड़ता है। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन ऊर्जा परिवर्तन के कार्य को मान्यता देता है। इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस हमारी जैव-विविधता की रक्षा करता है। घर पर, हमने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के मूल्य का प्रदर्शन किया है, जैसे हमने महिलाओं के नेतृत्ववाले विकास के प्रभाव को दिखाया है।