▪︎ भारतीय वायुसेना का प्रयास जटिल भविष्य की प्रौद्योगिकियों, हथियार प्रणालियों और अंतरिक्ष क्षेत्र की ओर केन्द्रित
New Delhi News: भारतीय वायुसेना (आईएएफ) आत्मनिर्भरता की छत्रछाया में उद्योग भागीदारों के साथ निरंतर सम्पर्क में रह कर सरकारी नीतियों के माध्यम से स्वदेशी रक्षा उद्योग की क्षमता का दोहन करने के लिए काम कर रही है। पुर्जों और उपकरणों के पोषण के स्वदेशीकरण और नवाचार में काफी सफलता मिली है। अब उसका प्रयास जटिल भविष्य की प्रौद्योगिकियों, हथियार प्रणालियों और अंतरिक्ष क्षेत्र की ओर केन्द्रित हैं।
भविष्य की प्रौद्योगिकियों की खोज और आत्मनिर्भरता की दिशा में अभियान को उजागर करने के लिए, भारतीय वायुसेना ‘नवाचार उत्कृष्ट भविष्यम’ (नवाचार बेहतर भविष्य का मार्ग है) विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित कर रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा वायुसेना प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे। यह संगोष्ठी 11 फरवरी को बेंगलुरु के येलहंका वायु सेना स्टेशन के हॉल नम्बर 1 में आयोजित की जायेगी। इस संगोष्ठी में सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों, विमानन और एयरोस्पेस क्षेत्र के उद्योग जगत के नेताओं, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (डीपीएसयू), एमएसएमई, स्टार्ट-अप, इनोवेटर्स और शिक्षाविदों के शामिल होने की उम्मीद है। संगोष्ठी का उद्देश्य रक्षा बलों, उद्योग और अनुसंधान एवं विकास एजेंसियों के बीच सहयोग को प्रेरित करना है, जिससे नवाचार के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिले।
एयरो इंडिया प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी में से एक
एयरो इंडिया प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी में से एक है, जो विमानन के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों, नवाचारों और उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है। भारतीय वायुसेना स्वदेशी रक्षा विकास और विनिर्माण का सक्रिय रूप से समर्थन करके ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण को अपनाने में सबसे आगे रही है। भारतीय वायुसेना एयरोस्पेस क्षेत्र में सबसे बड़ी हितधारक है और आत्मनिर्भरता की दिशा में अभियान का नेतृत्व करने में एक प्रमुख भागीदार है।