Bhuvaneshwar news : ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को शर्मनाक वाकया सामने आया है। विधानसभा के भीतर भाजपा और कांग्रेस के विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। सरकार के कई मंत्री भी इस चपेट में आए। पूर्व में उत्तर प्रदेश व बिहार की विधानसभाओं में माइक फेंकने व मारपीट की घटनाएं हुआ हैं, लेकिन ओडिशा विधानसभा में पहली बार हाथापाई जैसी स्थिति देखने को मिली है।
सदन की कार्यवाही काफी देर तक स्थगित रही
हाथापाई की घटना को लेकर सदन की कार्यवाही काफी देर तक स्थगित करनी पड़ी। वहीं घटना के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे तो बीजद विधायकों ने ओडिशा के शिल्पी कहे जाने वाले मधुसूदन दास उर्फ मधु बाबू की मूर्ति के नीचे धरना दिया। इसके साथ ही बीजद के विधायक नाटकीय अंदाज में लालटेन लेकर मुख्यमंत्री को विधानसभा परिसर में खोजते नजर आए। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री को जवाब देना है, लेकिन वह सामने नहीं आ रहे। सदन में हंगामा जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
ओडिशा में पश्चिम ओडिशा को मिलाना बड़ी भूल थी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र ने एक सरकारी सभा में कहा था कि ओडिशा में पश्चिम ओडिशा को मिलाना एक बड़ी ऐतिहासिक भूल थी। आरोप है कि उक्त सभा में जब राज्य का राजकीय गीत वंदे उत्कल जननी का गान चल रहा था तब वह अपनी सीट से खड़े नहीं हुए थे। कांग्रेस ने इसकी जमकर आलोचना की थी। मंगलवार को सदन में भी यह मामला उठाया गया। इसके अलावा महिला हिंसा व अपराध की अन्य घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने कानून-व्यवस्था का सवाल उठाते हुए सरकार को सदन में घेरा। इन मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष के नेताओं में जमकर बहस व नोकझोंक चल रही थी।
कांग्रेस के साथ बीजद के विधायक भी सरकार के खिलाफ वेल में पहुंच गए
कांग्रेस के साथ ही बीजद के विधायक भी सरकार के खिलाफ वेल में आकर विरोध व नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ गए, जबकि बीजद विधायक काली पट्टी बांधकर जयनारायण मिश्र के प्रसंग पर सरकार से जवाब मांगा। इस प्रसंग पर मुख्यमंत्री से सदन में पक्ष रखने की मांग विरोधी दल कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला। हंगामे के बीच प्रश्नकाल चल रहा था। इसी समय सरकार और विरोधी दल के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। फिर दोनों पक्षों में जमकर हाथापाई हुई।
भाजपा के विधायकों ने मेरा कालर पकड़ा, मुझे गाली दी
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि जय नारायण मिश्र एवं भाजपा के विधायकों ने मेरा कालर पकड़ा, मुझे गाली दी। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष से मैं विधायक हूं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। स्पीकर से हम अनुरोध कर रहे थे। मगर उन्होंने बात नहीं सुनी। उधर, भाजपा विधायक अशोक महांति ने कहा कि ओडिशा शासन की जिम्मेदारी भाजपा को लोगों ने दी है। तीन दिन से विरोधी दल के विधायक सदन नहीं चलने दे रहे हैं। मंगलवार को भी जैसे ही प्रश्नोत्तर शुरू हुआ विरोधी दल नारेबाजी करने लगे। मंत्री पर भी हाथ उठाया। विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी ने हस्तक्षेप किया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद सात दिनों के लिए निलंबित
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति को विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में अशोभनीय व्यवहार के लिए सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। सदन में अनुशासनहीनता के कारण सरकार की मुख्य सचेतक सरोज कुमार प्रधान ने बहिनीपति के निलंबन का प्रस्ताव रखा। विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी ने मामले पर विचार करने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की। वहीं निलंबन के विरोध में विधानसभा में वाहिनीपति की पार्टी के सहयोगियों ने काली पट्टी बांधकर सदन में धरना दिया। बीजद ने भी निलंबन के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया। बीजद विधायक अरुण साहू ने कहा कि उनकी पार्टी निलंबन वापस लेने की मांग कर रही है। वे बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष से मिलेंगे और निलंबन वापस लेने तथा सदन को निष्पक्ष तरीके से चलाने की अपील करेंगे। इस बीच, वाहिनीपति अपने खिलाफ कार्रवाई के विरोध में सदन के बीचोंबीच बैठ गए। इसके बाद अध्यक्ष ने मार्शलों को निर्देश दिया कि उन्हें सात कार्य दिवसों के लिए विधानसभा से बाहर रखा जाए। बताया जाता है कि विधायक तारा प्रसाद ने स्पीकर के आसन पर चढ़कर स्पीकर का माइक्रोफोन तोड़ दिया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।