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सिरसी-ता-नाले को किया जायेगा आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित : चमरा लिंडा

सिरसी-ता-नाले को किया जायेगा आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित : चमरा लिंडा

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आदिवासी धर्म और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में सिरसी-ता-नाले एक महत्त्वपूर्ण कदम

गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में किया गया सिरसी-ता-नाले (दोन) कंकड़ो लता राजकीय समारोह का आयोजन

Gumla news : कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा है कि धर्म समाज को एकजुट करने की शक्ति प्रदान करता है। आदिवासी समाज सदियों से सूर्य, चन्द्रमा, धरती, जल, जंगल और प्रकृति की पूजा करता आ रहा है और यही हमारी पहचान का मूल आधार है। उन्होंने घोषणा की, कि सिरसी-ता-नाले क्षेत्र को आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जायेगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर कुम्भ मेले की तरह मान्यता दिलाने के प्रयास किये जायेंगे। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा सोमवार को गुमला जिले के डुमरी प्रखंड स्थित अकासी पंचायत में आयोजित सिरसी-ता-नाले (दोन) कंकड़ो लता राजकीय में समारोह में लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री लिंडा ने कहा कि अब हर साल माघ पंचमी के अवसर पर इस स्थल पर भव्य आयोजन किया जायेगा, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। इस आयोजन को उन्होंने आदिवासी धर्म और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थल आदिवासियों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता का केन्द्र बनेगा, जहां लोग आत्मिक शांति और अपने दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकेंगे।

श्री लिंडा ने सरना धर्म को भारत सरकार से मान्यता दिलाने के लिए चल रहे संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि यह आयोजन उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।

सिसई विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने कहा कि अगले वर्ष इस आयोजन को और भी भव्य रूप दिया जायेगा। उन्होंने उन श्रद्धालुओं की भी सराहना की, जो उपवास करके लम्बी दूरी तय कर इस पवित्र स्थल तक पहुंचे।

खूंटी विधायक राम सूर्य मुंडा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो परम्पराएं स्थापित की हैं, उन्हें संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। हमें अपने जंगल, पहाड़ और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को सुरक्षित रखना होगा।

चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव ने इसे ऐतिहासिक आयोजन बताते हुए कहा कि सरकार धार्मिक स्थलों के माध्यम से ऐतिहासिक परम्पराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। इस आयोजन से समाज अपनी संस्कृति से और अधिक जुड़ सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से अब लोग कंकड़ो लता के ऐतिहासिक महत्त्व को जान सकेंगे।

इस अवसर पर खिजरी विधायक राजेश कच्छप सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गण्यमान्य अतिथि गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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