▪︎ राज्य सरकार ने केन्द्र से अफस्पा हटाने को कहा, इंटरनेट ठप
Imphal/Aizawl News: मणिपुर में 03 महिला और 03 बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। मणिपुर में हिंसा की आग फिर से तेज हो गयी है। दरअसल, शनिवार रात को उग्र भीड़ ने इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में तीन भाजपा विधायकों और एक कांग्रेस विधायक के घरों में आग लगा दी। उग्र भीड़ ने सीएम एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी हमले की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। आक्रोशित लोगों ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया। इसके बाद अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। सूत्रों के अनुसार अगले दो-तीन दिन में हालात और बिगड़े, तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह नागपुर की चार रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट गये। वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल प्रमुख अनीश दयाल को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा जा रहा है। इसी बीच राज्य सरकार ने केन्द्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) वापस लेने को कहा है। हिंसा के कारण केंद्र सरकार ने 14 नवम्बर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों के सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लीमाखोंग और मोइरांग पुलिस थाना इलाकों में अफस्पा लगाया था। 16 नवम्बर को सीएम एन बीरेन सिंह और 10 विधायकों के घरों पर हमले हुए। हालात बिगड़ते देख 05 जिलों में कर्फ्यू और 07 जिलों में इंटरनेट सर्विस बंद है। इस बीच, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है।
इस तरह भड़की हिंसा
16 नवम्बर को जिरिबाम में बराक नदी के तट से दो महिलाओं और एक बच्चे का शव मिला था। शक है कि इन्हें 11 नवम्बर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से अपहृत किया था। 11 नवम्बर को ही सुरक्षाबलों ने 10 बंदूकधारी उग्रवादियों को मार डाला था। जबकि, कुकी-जो संगठन ने इन 10 लोगों को विलेज गार्ड बताया था। 15 नवम्बर की रात भी एक महिला और दो बच्चों के शव मिले थे। विरोध प्रदर्शन के चलते मणिपुर के पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि सात जिलों में शनिवार शाम 5:15 बजे से दो दिन के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया है। ये जिले हैं- इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर। दरअसल, 11 नवम्बर को वर्दी पहने हथियारबंद उग्रवादियों ने बोरोब्रेका थाना परिसर और सीआरपीएफ कैम्प पर हमला किया था। इसमें 10 उग्रवादी मारे गये थे। इस दौरान जिरीबाम जिले के बोरोब्रेका थाना परिसर स्थित राहत शिविर से 06 लोगों को अगवा किया गया था।
इन नेताओं के घरों को बनाया निशाना
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुस्साये लोगों ने निंगथौखोंग में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम के भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंड्राकपम के कांग्रेस विधायक टी लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि जब गुस्साई भीड़ ने विधायकों में घुस कर तोडफोड़ की और घरों में आग लगायी, उस वक्त विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे। इन घटनाओं में घर आंशिक रूप से जल गये। आग के फैलने से पहले ही उस पर काबू पा लिया गया। शनिवार की रात को प्रदर्शनकारी इंफाल पूर्वी के लुवांगशांगबाम में सीएम एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास की ओर भी बढ़े, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया। अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, बीएसएफ और राज्य बलों सहित सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलायीं और सीएम के घर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने बीरेन सिंह के घर की ओर जानेवाली मुख्य सडक पर टायर जलाए और वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए लोहे की रोड बिछा दी।
इंफाल घाटी में कर्फ्यू लगा
मुख्यमंत्री के पैतृक घर से करीब 3-4 किलोमीटर दूर मंत्रिपुखरी इलाके में रात करीब 11 बजे तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा। पुलिस के अनुसार, कई प्रदर्शनकारी अन्य निर्वाचन क्षेत्रों से वाहनों में आये थे। रविवार की सुबह, इंफाल घाटी के सभी पांच जिलों में स्थिति शांत, लेकिन तनावपूर्ण रही। जिरीबाम में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं निलम्बित कर दी गयी हैं। सुरक्षा बलों ने इंफाल के कई हिस्सों में गश्त बढ़ा दी है और शनिवार को हमला किये गये विधायकों के कई आवासों के साथ-साथ सचिवालय, राज्य भाजपा मुख्यालय और राजभवन की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सडकों पर तैनाती बढ़ा दी है। पुलिस ने बताया कि शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने तीन विधायकों के घरों में भी तोड़फोड़ की, जिसमें बीरेन सिंह के दामाद आर के इमो भी शामिल हैं, जो भाजपा के विधायक हैं। इनके अलावा सपम रंजन, एल सुसिंद्रो सिंह और वाई खेमचंद के घरों पर भी हमला किया गया।
मणिपुर के लोग मोदी को माफ नहीं करेंगे : खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जु खड़गे ने कहा कि भाजपा चाहती है कि मणिपुर जले। वह नफरत और बांटनेवाली राजनीति कर रही है। 07 नवम्बर से अब तक राज्य में 17 लोगों की जान जा चुकी है। कई अन्य जिलों में हिंसा भड़क रही है। मणिपुर के मामले में आप (पीएम मोदी) फेल रहे। अगर कभी भविष्य में आप मणिपुर गये, तो वहां के लोग कभी आपको माफ नहीं करेंगे। वे कभी ये नहीं भूलेंगे कि आपने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया। वहीं, राहुल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा- मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़पें विचलित करनेवाली हैं। एक साल से ज्यादा हो गया है। हर भारतीय चाहता है कि केन्द्र और राज्य सरकारें हिंसा खत्म करवाने की कोशिश करे। मैं एक बार फिर पीएम मोदी से मणिपुर आने और क्षेत्र में शांति और सुधार की दिशा में काम करने की मांग करता हूं।’
मिजोरम सरकार ने मणिपुर हिंसा पर दुख जताया
मिजोरम सरकार ने केन्द्र और मणिपुर सरकार से अपील की है कि वे हिंसा को रोकने और शांति बहाल करने के लिए तुरंत कदम उठायें। मिजोरम के गृह विभाग ने मारे गये लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सरकार ने मिजोरम के लोगों से कहा है कि वे कोई ऐसा काम न करें, जिससे यहां तनाव बढ़े। हिंसा की वजह से मणिपुर के करीब 7,800 लोग मिजोरम में शरण ले चुके हैं। ये लोग कुकी-जो समुदाय से हैं, जिनका मिजोरम के मिजो समुदाय से गहरा सांस्कृतिक जुड़ाव है।