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जो हृदय को छू जाये… जिसमें सबका हित समाहित हो, वही साहित्य है : सुमन्त कुमार मिश्रा

जो हृदय को छू जाये… जिसमें सबका हित समाहित हो, वही साहित्य है : सुमन्त कुमार मिश्रा

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राजकमल में हिन्दी साहित्य पर परिचर्चा

Dhanbad news : राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में पहली बार हिन्दी भाषा के विभिन्न विषयों पर परिचर्चा आयोजित हुई, जिसमें हिन्दी विभाग के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विद्यालय के लगभग 142 शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल थीं।

विद्यालय के प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा ने पहली बार विद्यालय में इस तरह का कार्यक्रम सम्पादित करवाया। उन्होंने कहा कि जो हृदय को छू जाये और जिसमें सबों का हित समाहित हो, वही साहित्य है। हिन्दी साहित्य का संसार काफी व्यापक एवं वृहद है ।आज हिन्दी भाषा इतनी गौरवशाली है कि विश्व पटल पर यह जानी जाती है। हिन्दी भाषा में एक से एक ऐसी रचनाएं हैं, जो आज भी प्रासंगिक है।

इस परिचर्चा में जीवन में साहित्य की आवश्यकता, आधुनिक संदर्भ में भक्ति काल का प्रभाव, सामाजिक परिदृश्य साहित्य के आलोक में, समाज के नवनिर्माण में साहित्य की भूमिका, वैश्वीकरण और हिन्दी भाषा, साहित्य जीवन के लिए प्रेरणा स्त्रोत, हिन्दी साहित्य में रीतिकाल, समाज में साहित्य का महत्व, श्री रामचरितमानस में भक्ति नीति, साहित्य और समाज जैसे विषयों पर विस्तृत विचार हिन्दी शिक्षक- शिक्षिकाओं ने साझा किया।

इस परिचर्चा में शामिल होनेवाले शिक्षक- शिक्षिकाओं में राकेश कुमार मिश्रा, कल्याण नारायण पाठक, राेली सक्सेना, मधु सिन्हा, सीमा सिंह, आरती दफ्तरी, अर्चना कुमारी, सपना कुमारी, मीना कुमारी एवं रोहित तिवारी के नाम शामिल हैं।

कार्यक्रम का मंच संचालन हिन्दी शिक्षिका विजेता पाठक एवं रेणु कुमारी ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा,  उप प्राचार्या उमा मिश्रा, उप प्राचार्य मनोज कुमार, प्रभारी प्रतिमा चौबे, कमलनयन, पार्थ सारथी सरकार, सुमोना दीक्षित एवं छंदा बनर्जी ने इस परिचर्चा की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं साहित्य की अनेक विधाओं पर विस्तृत जानकारी देनेवाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को धन्यवाद दिया।

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