New Delhi news : देश की राजधानी दिल्ली की एक बड़ी कंपनी के सीईओ विक्रम चोपड़ा ने सोशल मीडिया में अपने एक पोस्ट से दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक हलचल मचा दी। बहस का नया राग छोड़ दिया। उनका यह पोस्ट बेंगलुरु और दिल्ली के बीच की भिन्नताएं, खासकर भाषा को लेकर बहस का कारण बना। चंद दिन पहले विक्रम चोपड़ा ने अपने पोस्ट में लिखा, हम यह नहीं कह रहे कि दिल्ली एनसीआर बेहतर है। सिर्फ इतना कि यह सचमुच है। इसके साथ ही उन्होंने उन इंजीनियरों को दिल्ली आने का निमंत्रण दिया, जो अपने घर के पास रहकर काम करना चाहते हैं। अपने पोस्ट को दमदार बनाने के लिए विक्रम ने ईमेल में “दिल्ली मेरी जान” का विषय डालने को कहा, जो दिल्ली के प्रति प्यार व्यक्त करने का एक लोकप्रिय वाक्य है।
विक्रम चोपड़ा के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर 3.8 लाख से अधिक व्यूज़ प्राप्त किए हैं, और अब भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है। बात दिल्ली के प्रदूषण पर होने लगी।
बेंगलुरु की भाषा समस्या संबंधी पोस्टर
विक्रम चोपड़ा ने एक पोस्टर भी साझा किया, जिसमें बेंगलुरु की भाषा संबंधी समस्याओं के बारे में दिखाया गया। पोस्टर में लिखा, बेंगलुरु में सालों रहने के बाद भी कन्नड़ नहीं बोल पा रहे। कोई बात नहीं, आ जाओ दिल्ली। इसके साथ एक मैप भी था, जिसमें दिल्ली की ओर एक विमान उड़ता हुआ दिखाई दे रहा था। बेंगलुरु को नीले रंग से और दिल्ली को लाल दिल से चिह्नित किया गया था।
पोस्टर वायरल होने पर होने लगी बहस
पोस्ट वायरस होते ही लोगों के बीच बाहर शुरू हो गई। कई लोगों ने इस पोस्ट को रुढ़िवादी और अपमानजनक बताया। एक यूजर ने लिखा, यह कई तरीकों से असभ्य है। कुछ लोगों ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर भी चिंता जताई। एक व्यक्ति ने कहा, लेकिन एक छोटी सी समस्या है। मुझे सांस लेना पसंद है।