अखिलेश सर्वदलीय बैठक में रखेंगे पार्टी का पक्ष, मायावती ने बुलायी बसपा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी जाहिर कर चुके हैं पार्टी की मंशा, पसमांदा मुस्लिम समाज को वक्फ संशोधन बिल के कई प्रावधानों पर एतराज
Lucknow news : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने और वक्फ संशोधन बिल आगामी बजट सत्र में संसद में पेश किये जाने के ताजा घटनाक्रमों के बाद देश के राजनीतिक परिदृश्य पर अचानक बहुजन की चिंता उभर आयी है। बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के अलावा कई अन्य संगठन भी एकदम से इस मुद्दे पर सक्रिय हो उठे हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार बुधवार को नयी दिल्ली स्थित पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय स्तर की बैठक बुला ली है। मंगलवार को ‘एक्स’ पर दिये गये अपने संदेश में मायावती ने कहा कि देश की वर्तमान राजनीतिक हालत तथा खासतौर पर दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की चिन्तनीय राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक स्थिति को ध्यान मे रखकर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए बसपा की आल इण्डिया बैठक दिल्ली में आहूत की गयी है। मायावती ने कहा है कि बसपा केन्द्रीय कार्यालय 29 लोदी स्टेट नयी दिल्ली में होने वाली इस बैठक में देश भर में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, स्टेट कोआर्डिनेटरों, बसपा की राज्य इकाईयों के अध्यक्षों के साथ विचार विमर्श कर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व दिल्ली के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम में जरूरी दिशा निर्देश दिये जाएंगे।
समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे को लेकर हुई सक्रिय
वहीं समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गयी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने विश्ववार्ता को बताया कि गुरुवार को बजट सत्र से पहले केन्द्र सरकार की ओर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल होंगे और उस बैठक में दलितों, अल्पसंख्यकों, जनजातियों के मुद्दे पर केन्द्र व भाजपा शासित राज्य की सरकारों की ओर से हो रहे फैसलों पर पार्टी का पक्ष रखेंगे। चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इस सर्वदलीय बैठक में उत्तराखण्ड सरकार की ओर से लागू की गयी समान नागरिक संहिता व आगामी बजट सत्र में संसद में पेश होने वाले वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा भी उठाएंगे।
बताते चलें कि बीते सोमवार को मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र की मोदी सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा था कि सिर्फ अंबेडकर का नाम लेने भर से कोई अंबेडकरवादी नहीं हो जाएगा। बाबा साहब की धरती महू में सोमवार को आयोजित जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केन्द्र में सत्ता में आने के तुरंत बाद कांग्रेस देशव्यापी जातीय जनगणना करवाएगी। वहीं, पसमांदा मुस्लिम समाज ने मांग उठायी है कि वक्फ संशोधन बिल से विधेयक से गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान हटाया जाए। वक्फ संपत्तियों का उपयोग केवल गरीबों, विधवाओं, और यतीम बच्चों के कल्याण के लिए हो। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए पसमांदा समाज के सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए औरविवाद निपटारे के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायाधिकरण बनाया जाए, जिसमें सरकार का हस्तक्षेप न हो।
वंचित वर्गों के अधिकार पूरी तरह छिन जाएंगे
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने मंगलवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट ने विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने इस रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण और पसमांदा समाज के अधिकारों का हनन करार दिया है। उनका कहना है कि यह विधेयक न केवल वक्फ संपत्तियों के मूल उद्देश्य को कमजोर करेगा, बल्कि इससे पसमांदा समाज के गरीब, वंचित और बेसहारा वर्गों के अधिकार पूरी तरह छिन जाएंगे।
मंसूरी ने कहा कि इस्लाम में वक्फ की अवधारणा गरीबों, यतीम बच्चों, बेवा औरतों, समाज के वंचित वर्गों और परिवार से अलग कर दिए गए वृद्धों की मदद के लिए की गई थी। वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और इनका उपयोग इन वर्गों की सहायता के लिए किया जाना चाहिए था, लेकिन हकीकत यह है कि वक्फ बोर्डों के अध्यक्ष, सदस्य, अधिकारी और मुतवल्ली लंबे समय से इन संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने पसमांदा समाज के अधिकारों को कुचलते हुए इन संपत्तियों को अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया और अपने परिवारों की संपत्तियां बनाई। उन्होंने कहा कि सरकार अब इस विधेयक के माध्यम से वही कार्य बड़ी नीति के तहत करने जा रही है। इससे वक्फ संपत्तियां गरीब और जरूरतमंद वर्ग के बजाय अमीर और प्रभावशाली लोगों के कब्जे में चली जाएंगी।