सहकारिता मंत्री ने राज्य सरकार व भारत सरकार द्वारा बुनकरों के लिए चलायी जा रहीं योजनाओं से सम्बन्धित प्रतिवेदन जिला उद्योग केन्द्र के सभी महाप्रबंधकों से मांगा
Patna news : बिहार के सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने 26 दिसम्बर 2024 को राज्य की कुल 468 प्राथमिक बुनकर सहयोग समितियों के साथ बैठक की। राज्य के 16 जिलों की समितियों ने मंत्री से रूबरू होकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया। समितियों द्वारा बताया गया कि उन्हें सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य से हुनरमंद कारीगरों का पलायन हो रहा है तथा कई बुनकर अन्य व्यवसाय अपना रहे हैं। परिणामस्वरूप, बुनकर समितियां निष्क्रिय हो रही हैं। उन्हें वस्त्र के लिए उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल से कच्चा माल, सूत आदि मंगवाना पड़ता है, जिससे लागत मूल्य में वृद्धि होती है। साथ ही, गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। उनके द्वारा तैयार उत्पाद के स्थायी बाजार का अभाव है, जिससे उत्पाद समितियों के गोदाम में ही पड़े पड़े खराब हो जाता है। साथ ही, भंडारण के लिए उचित व्यवस्था का अभाव रहने से भी कच्चा माल एवं तैयार माल खराब हो जाते हैं। समितियों ने प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण नये बुनकरों तथा बुनकर समितियों में कार्य कुशलता का अभाव है, जिसका सीधा असर उनके उत्पादों पर पड़ता है। समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि कई क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लि. में निर्वाचन देय हो चुका है तथा वे अवक्रमित हो गयी है।
मंत्री द्वारा सम्बन्धित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सभी प्रबंध निदेशक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक लि. अपने क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति लि. को कार्यशील पूंजी देने हेतु शीघ्र ही उनसे प्रस्ताव प्राप्त करें और लाभान्वित करें। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र के
सभी महाप्रबंधकों को राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार की ओर से बुनकरों के लिए चलायी जा रहीं योजनाओं का विस्तृत प्रतिवेदन मांगा। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की समीक्षा कर सहकारिता विभाग बुनकरों को उचित लाभ देने का प्रयास करेगा। साथ ही, उन्होंने सभी जिला सहकारिता पदाधिकारियों को अविलम्ब जिलान्तर्गत सभी अवक्रमित बुनकर सहयोग समितियों से निर्वाचन प्रस्ताव प्राप्त कर बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया। जिला अंकेक्षण पदाधिकारियों को शीघ्रातिशीघ्र सभी अंकेक्षित बुनकर सहयोग समितियों का अंकेक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कई बुनकर समितियों के उत्पाद निर्यात क्वालिटी के हैं ; यथा महफिल-ए-कालीन, ओबरा, औरंगाबाद के दरी एवं कालीन, सतरंगी चादर, कंबल एवं ऊनी वस्त्र किन्तु इनका यथोचित प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण बाजार में इनकी पहचान तथा मांग की कमी है, इसलिए इनका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।
सभी समितियों के सदस्यों ने मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व में इस प्रकार उनकी समस्याओं पर कभी विमर्श नहीं किया गया था। उन सभी को सहकारिता मंत्री से काफी आशाएं हैं।