Jagannath Puri news : पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के अंदर सुरंग और गुप्त कमरा होने की बात अफवाह निकली। यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने स्वयं यह जानकारी दी है। उन्होंने यह जानकारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की आई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से दिया है। इसके साथ ही रत्न भंडार में गुप्त खजाना होने की बात पर से पर्दा हट गया था।
रत्न भंडार की दीवारों पर पाई गईं दरारें, डेढ़ महीने लगेंगे मरम्मत में
प्रारंभिक रिपोर्ट के हवाले से कानून मंत्री ने बताया कि रत्न भंडार के अंदर दरारें पाई गई हैं। उन दरारों को दुरुस्त किया जाएगा। मरम्मत में लगभग डेढ़ महीने का समय लगेगा। प्रारंभिक के बाद अब एएसआई की फाइनल रिपोर्ट भी जल्द आ जायेगी। इसके बाद मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कार्तिक मास में ऐसे भी अन्य महीनों की अपेक्षा मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है, जिससे मरम्मत कार्य संभव नहीं है। इसके बाद रत्न भंडार के आभूषणों गिनती और उसे स्थायी रत्न भंडार में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
46 वर्षों बाद 14 जुलाई को खुला था रत्न भंडार
1978 के बाद 46 वर्षों बाद इसी वर्ष 14 जुलाई को रत्न भंडार खोला गया था और वहां रखे गए आभूषणों को अस्थायी रत्न भंडार में शिफ्ट किया गया था। इससे पहले 1978 में ही रत्न भंडार के आभूषणों और रत्नों की गिनती की गई थी। अब एक बार फिर उसी डेटाबेस के अनुसार आभूषणों का मिलान किया जाएगा। इस कार्य में करीब एक सप्ताह लगेंगे। इधर, जब दीवारों की मरम्मत प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, आभूषणों और कीमती रत्नों को अस्थायी रत्न भंडार से स्थायी रत्न भंडार में हस्तांतरित कर दिया जाएगा।