Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

एच5एन1 का बढ़ता जोखिम समूची दुनिया के लिए चिन्ता का सबब

एच5एन1 का बढ़ता जोखिम समूची दुनिया के लिए चिन्ता का सबब

Share this:

Chennai News: एवियन इन्फ्लूएंजा ए (एच5एन1) यानी बर्ड फ्लू महामारी का बढ़ता जोखिम समूची दुनिया के चिन्ता का सबब बनता जा रहा है। इस वायरस से लाखों पक्षियों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के छह राज्यों में बड़ी संख्या में मवेशी संक्रमित हैं। यह वायरस मानवों के लिए महामारी के रूप में एक बड़ा खतरा हो सकता है। बर्ड फ्लू महामारी के खतरे के बीच वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) से अलग होने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की घोषणा से पूरे विश्व के चिकित्सा वैज्ञानिक और पशु चिकित्सक बहुत चिन्तित हैं।
लंदन से प्रकाशित वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित साप्ताहिक पत्रिका नेचर के नवीनतम अंक में छपे एक आलेख के अनुसार बर्ड फ्लू महामारी यानी एच5एन1 का बढ़ता जोखिम समूची दुनिया के लिए चिन्ता की लहर है। चिन्ता जतायी गयी है कि क्या एच5एन1 मानव महामारी को जन्म दे सकता है ? इससे समूची दुनिया में इसका जोखिम बढ़ रहा है। एच5एन1 जंगली पक्षियों से फैलनेवाला वायरस गायों एवं अन्य पशुओं को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है। उत्तरी अमेरिका में कम से कम 68 लोग इससे बीमार हुए हैं और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।

अमेरिकी गायों में बर्ड फ्लू का प्रकोप बहुत गम्भीर चिन्ता का विषय
आलेख के मुताबिक अमेरिकी गायों में बर्ड फ्लू का प्रकोप बहुत गम्भीर चिन्ता का विषय है। चिकित्सा वैज्ञानिक और पशु चिकित्सक बहुत चिन्तित हैं। इस वायरस से लाखों पक्षियों की मौत चुकी है। अब अमेरिका के छह राज्यों के मवेशी भी इससे संक्रमित हो चुके हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि मानव जाति के लिए इसका खतरा फिलहाल पशुओं से किसी मामले में कम नहीं है। आलेख में दावा किया गया है कि वायरस के विभिन्न प्रकार गायों और अन्य स्तनधारियों के अनुकूल होने के कारण इसका खतरा गम्भीर स्थिति में पहुंच रहा है। यह वायरस पक्षियों से सीधे मनुष्यों में फैल सकता है। इस संबंध में एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की इन्फ्लूएंजा वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर सीमा लकड़वाला ने कहा कि धीरे-धीरे एच5एन1 का जोखिम बढ़ता जा रहा है। खासकर, पिछले कुछ महीनों में गम्भीर संक्रमण फैलने की जानकारियां मिली हैं। बीमारी की रोकथाम के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वय कर रहा है।

डब्ल्यूएचओ से अमेरिका के अलग होने से उसकी फंडिंग पर असर पड़ेगा
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की डब्ल्यूएचओ से संयुक्त राज्य अमेरिका को अलग करने की घोषणा के बाद इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। इसने सिर्फ अमेरिकी वैज्ञानिकों ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिन्ताएं बढ़ा दी हैं। डब्ल्यूएचओ से अमेरिका के अलग होने से उसकी फंडिंग पर असर पड़ेगा। अमेरिका इस संस्था का सबसे बड़ा डोनर है। अमेरिका डब्ल्यूएचओ को मैंडेटरी फंड का लगभग 22.5 फीसदी तक देता है। उल्लेखनीय है कि एच5एन1 एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर जंगली पक्षियों से फैलता है। यह वायरस गायों और अन्य स्तनधारी जीवों को संक्रमित करने के बाद मनुष्यों को संक्रमित करने में सक्षम होता है। यह वायरस का संक्रमण अमेरिका में फैल रहा है, जिससे सिर्फ अमेरिका ही नहीं समूची दुनिया में मानव महामारी का खतरा बढ़ रहा है। 

Share this: