Ranchi news : आज यानी मंगलवार से चार दिवसीय छठी मइया का पावन महाव्रत शुरू हो गया। नहाय-खाय छठ पूजा का पहला और सबसे महत्वपूर्ण दिन कहा जाता है। यह दिन पूरे उपवास और अनुष्ठानों के प्रारंभ का प्रतीक है। इस दिन व्रती स्नान करते हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं।
साफ-सफाई और पवित्रता
हम जानते हैं कि हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पर्व का शुभारंभ होता है। सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन हो जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित होता है। छठ पूजा के व्रत रखने का खास महत्व माना जाता है। इस दिन घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है, ताकि घर का वातावरण शुद्ध और पवित्र हो। इस दिन छठ पूजा का व्रत रखने वाली महिलाएं सिर्फ सादा और सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं।
इस तरह नियमों का करें पालन
इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है।इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए। इसके बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो स्नान के बाद नए वस्त्र ही पहनें, वरना आप धुले हुए साफ वस्त्र भी पहन सकते हैं।
अब पूरे विधि-विधान से छठ पूजा का व्रत लेने का संकल्प लें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाकर उनकी पूजा-अर्चना करें। इस दिन बनने वाले खाने में भूलकर भी लहसुन-प्याज आदि का प्रयोग न करें। इस दिन भोजन में चने की दाल, कद्दू की सब्जी, और चावल को प्रमुखता दी जाती है। नहाय-खाय के दिन इस बात का भी खास ख्याल रखें कि इस दिन बनाया हुआ खाना सबसे पहले, छठ पूजा का व्रत रखने वाली महिलाएं ही खाएं। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भोजन करें।
आज का शुभ मुहूर्त
मंगलवार कोसूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा। इस दौरान व्रती पूजा अर्चना कर सकते हैं।
नए जीवन की शुरुआत का संकल्प
नहाए-खाय का दिन पुराने पापों से मुक्ति और नए जीवन की शुरुआत का संकल्प लेने का दिन माना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है और व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन किए गए दान का भी बहुत अधिक महत्व है।