Ranchi News: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को विधायक प्रदीप यादव ने जैप-आईटी के जरिये राज्य भर में कार्यरत कम्प्यूटर आॅपरेटर की नियुक्ति और एजेंसी के चयन और पिछड़ा आयोग के गठन का मुद्दा उठाया। वही विधायक जयराम महतो ने निजी कम्पनियों में 75 फीसदी आरक्षण का उठाया मुद्दा।
मंगलवार को अल्पसूचित प्रश्न के जरिये कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने यह मुद्दा उठाया। प्रदीप यादव ने कहा कि जैप-आईटी में एजेंसी के माध्यम से राज्य भर में कम्प्यूटर आॅपरेटर की नियुक्ति होती है। इसके लिए बाहरी एजेंसी से काम होता है। आॅपरेटरों को मिलनेवाले रकम में भी कटौती होती है।
प्रदीप यादव ने कहा कि एजेंसी का चयन निविदा के आधार पर होता है लेकिन निविदा में ऐसी शर्तें जोड़ दी जाती हैं, जिनसे राज्य की कम्पनियां भाग ही नहीं ले पाती हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या एजेंसी, जो आॅपरेटरों की सैलरी से पैसों का हिस्सा ले रही है, इसकी जानकारी सरकार को है और शिकायत पर कितनी कम्पनियों पर कारवाई हुई है। साथ ही, प्रदीप यादव ने कहा कि 2021 से एक ही एजेंसी का चयन होना संदेह उत्पन्न करता है।
विधायक प्रदीप यादव के सवाल का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री रामदास सोरेन ने सदन को बताया कि निविदा के आधार पर मैन मैन पावर सप्लाई का काम एजेंसी करती है। शिकायत मिलने पर कम्पनी के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाती है। ल्यूमिनस कम्पनी के विरुद्ध शिकायत मिली थी, उसके खिलाफ कार्रवाई भी हुई है। मंत्री ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि विभागीय स्तर पर जांच कर एक महीने के अन्दर कार्रवाई करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिला स्तर पर भी टेंडर हो और एजेंसी का चयन हो, इस पर सरकार विचार करेगी।
पिछड़ा वर्ग मंत्रालय के गठन की उठी मांग
कांग्रेस विधायक दल के नेता और विधायक प्रदीप यादव ने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्ग की संख्या 90 प्रतिशत से भी अधिक है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाते हुए पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया, लेकिन यह निर्णय अब तक प्रभावी नहीं हो पाया है।
उन्होंने संविधान के 93वें संशोधन (शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) और हाई कोर्ट के निर्णय का भी जिक्र किया, जो राज्य में लागू नहीं हो पाया है। प्रदीप यादव ने अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी ‘पिछड़ा वर्ग मंत्रालय’ के गठन की मांग की।
इस पर मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि पिछड़ों के कल्याण के लिए अलग विभाग संवैधानिक प्रावधान का मामला है। फिलहाल, इस पर कोई विचार नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास प्रतिनिधिमंडल भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर विचार किया जायेगा।
विधायक जयराम महतो ने निजी कम्पनियों में 75 फीसदी आरक्षण का उठाया मुद्दा

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के विधायक जयराम महतो ने निजी कम्पनियों में 75 फीसदी आरक्षण का मुद्दा उठाया। निजी कम्पनियों में दो लाख गैर झारखंडी हैं, जबकि 53 हजार ही झारखंड के कार्यरत हैं। जयराम ने पूछा कि आउटसोर्सिंग कम्पनी क्या निजी कम्पनी के दायरे में आती है ? इस पर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी पूछा कि आउटसोर्सिंग कम्पनी को निजी कम्पनी मानते हैं या नहीं। ऐसी क्या पॉलिसी बनायेंगे कि झारखंड के नौजवानों को निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण मिल सके।
रातों-रात कानून लागू नहीं हो सकता : सुदिव्य
मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि कानून रातों रात लागू नहीं हो सकता। हाई कोर्ट के आदेश से पहले कम्पनियां आरक्षण का पालन कर रही थीं। आउटसोर्सिंग निजी कम्पनी ही है। वहीं, श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि आउटसोर्सिंग कम्पनी निजी कम्पनी ही मानी जाती है।