Mumbai news, Bollywood news : बॉलीवुड में समय-समय पर एक से बढ़कर एक अभिनेत्री की चर्चा हम करते आए हैं। सबकी अपनी जिंदगी रही और उसकी अलग-अलग स्टोरी भी। आज हम फिल्मी दुनिया की पहली बिकनी गर्ल नलिनी जयवंत की चर्चा कर रहे हैं। नलिनी की खूबसूरती और उनकी मुस्कुराहट की दुनिया दीवानी थी। उनकी जिंदगी में मोहब्बत के साथ तन्हाई भी जुड़ी रही। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस शख्स में उन्हें फिल्मी दुनिया में एंट्री कराई इस कि वह बहू बन गई।
चेमनलाल देसाई से परिचय
कहा जाता है कि नलिनी को बचपन से ही डांस करने का शौक था। उनके पिता भी उन्हें इसमें सपोर्ट किया करते थे। लेकिन, डांस के साथ-साथ नलिनी को फिल्मों में काम करने का भी मन था। उनके पिता इस चीज के सख्त खिलाफ थे। एक बार नलिनी अपनी कजन सिस्टर शोभना समर्थ के घर गई हुई थीं। वहां बर्थडे पार्टी चल रही थी। शोभना पहले से ही फिल्मों में काम करती थीं। उस पार्टी में डायरेक्टर चेमनलाल देसाई भी आए हुए थे। वो ‘राधिका’ नाम की एक फिल्म बना रहे थे, जिसके लिए वो एक्ट्रेस ढूंढ रहे थे। पार्टी में उनकी नजर नलिनी पर पड़ी और फिर चेमनलाल की एक्ट्रेस की तलाश पूरी हो गई। उन्होंने नलिनी को अपनी फिल्म ऑफर की। साल 1941 में उनकी ये फिल्म रिलीज होती है और फिल्मों में काम करने का नलिनी का सपना सच हो जाता है।
डायरेक्टर के बेटे से कर ली शादी
उसके बाद नलिनी ‘अनोखा प्यार’ (1948), ‘फिर भी अपना है’ (1954), ‘नास्तिक’ (1954), ‘मुनीमजी’ (1955) जैसी कई फिल्मों में काम करती हैं। फिल्मों में काम करते-करते डायरेक्टर चिमनलाल के बेटे वीरेन्द्र देसाई और नलिनी के बीच दोस्ती हो गई। फिल्म शूटिंग के दौरान शुरू हुई ये दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई। साल 1945 में दोनों ने इस प्यार को शादी का रूप दे दिया।