ट्रंप के निर्देश पर इजरायल पहुंचे अमेरिकी कमांडर
Tel Aviv : अमेरिका के सेंट्रल कमांड के डिप्टी कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने इजरायल का दौरा किया है। कूपर ने इजरायली सेना के मेजर जनरल अमीर बाराम से मुलाकात की है। इस मुलाकात में ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमले की तैयारी पर बात हुई है। साथ ही बाइडेन प्रशासन की ओर से रोके गए हथियारों की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई है। इन हथियारों में 1,700 भारी बम और 134 डी 9 कैटरपिलर बुलडोजर शामिल हैं। इस मुलाकात के बाद ईरान और अमेरिका की ओर से ईरान की न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है।
इजरायली वेबसाइट वायनेट ने किया दावा
इजरायली वेबसाइट वायनेट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का आदेश दे सकते हैं। ऐसे में ईरान भी ट्रंप की सत्ता में वापसी पर अपनी तैयारी कर रहा है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि साल 2025 ईरानी परमाणु मुद्दे के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा। ईरान को लगता है कि ट्रंप की वापसी इजरायल को मजबूती देगी, जो तेहरन पर उसकी आक्रामकता बढ़ा सकती है।
परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम
इजरायल और अमेरिका लगतार ये कहते रहे हैं कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है। ट्रंप का रुख ईरान पर काफी आक्रामक है। ऐसे में उनके अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का अंदेशा है। ट्रंप खुद कह चुके हैं कि ईरान के मामले में वह किसी भी कार्रवाई से इनकार नहीं करते हैं। इससे लगता है कि ट्रंप की सत्ता में वापसी ईरान के लिए मुश्किल बन सकती है।
बाइडेन प्रशासन ने हथियारों की खेप रोक दी थी
इजरायल और अमेरिका के सैन्य अफसरों के बीच उन हथियारों के बारे में भी बात हुई है, जो बाइडेन सरकार ने भेजने से रोक रखे हैं। इजरायली सेना के अमेरिकी बुलडोजर और दूसरे हथियारों के इस्तेमाल की अमेरिका में आंतरिक आलोचना होने पर बाइडेन प्रशासन ने ये खेप रोक दी थी। इजरायली फोर्स (आईडीएफ) के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिकी अफसर कूपर ने कई इजरायली वायु सेना के अड्डों का दौरा किया। उन्होंने ऑपरेशनल गतिविधियों की समीक्षा करते हुए यमन से आने वाले खतरों और अमेरिकी सेना के साथ सहयोग पर भी चर्चा की।