New Delhi news : केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नमामि गंगे प्रोजेक्ट को लेकर उठाये गये सवाल पर कहा कि गंगा के कायाकल्प में इस प्रोजेक्ट की सफलता को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। दिसम्बर 2022 में पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक ने इसे शीर्ष 10 विश्व बहाली प्रमुख पहलों में से एक के रूप में मान्यता दी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय जल संघ ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को जलवायु स्मार्ट उपयोगिता की उपाधि से सम्मानित किया, जिससे स्थायी जल प्रबंधन के लिए कार्यक्रम की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई।
खड़गे ने एक्स पोस्ट में कहा था कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए आवंटित फंड का 55 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया। इस पर जलशक्ति मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 2014 में शुरू किया गया नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए अब तक की सबसे महत्त्वाकांक्षी और समग्र पहलों में से एक है। इसका बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदूषण निवारण, पारिस्थितिकी बहाली, क्षमता निर्माण और सामुदायिक सहभागिता को एकीकृत करता है, जिसमें नदी की पर्यावरणीय अखंडता और उस पर निर्भर लाखों लोगों की आजीविका दोनों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।