Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा और करियर के अनगिनत मौके : अभिमन्यु सिंह राणावत

ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा और करियर के अनगिनत मौके : अभिमन्यु सिंह राणावत

Share this:

Lucknow news :  अभिमन्यु सिंह राणावत भारतीय मूल के युवा काउंसलर हैं, जो ब्रिटेन के हल सिटी में सक्रिय हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन के रोहतखुर्द गांव से ताल्लुक रखने वाले अभिमन्यु 2008 में उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गए, जहां उन्होंने राजनीति और इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान ही वे लेबर पार्टी से जुड़े और 2019 में हल सिटी काउंसिल के चुनाव में जीत हासिल की।  ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के हितों के लिए काम करने वाले अभिमन्यु अपनी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं। वे भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन में शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने पर जोर देते हैं और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाते हैं। प्रस्तुत है अभिमन्यु से समाचार सम्राट की बातचीत के प्रमुख खास अंश:

ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा के कौन-कौन से प्रमुख अवसर उपलब्ध हैं?

अभिमन्यु : ब्रिटेन भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा एक आकर्षक विकल्प रहा है। वहां की विश्वविद्यालय प्रणाली न केवल विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और अनुसंधान के बेहतरीन अवसर भी प्रदान करती है। भारतीय छात्रों के लिए वहां पढ़ाई के दौरान काम करने का भी शानदार अवसर मिलता है, क्योंकि ब्रिटेन में कई कोर्स के साथ वर्क वीजा भी दिया जाता है। इससे छात्र पढ़ाई के साथ-साथ अनुभव भी हासिल कर सकते हैं, जो भविष्य में उनके करियर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

क्या आपको लगता है कि भारतीय छात्रों को ब्रिटेन में वर्क वीजा मिलने से उनके करियर के लिए ज्यादा अवसर खुलते हैं?

अभिमन्यु : वर्क वीजा छात्रों के लिए बहुत सारे अवसर खोलता है। इससे उन्हें पढ़ाई के दौरान ही व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलता है और इससे उनका प्रोफाइल भी मजबूत होता है। ब्रिटिश इंडस्ट्री में काम करने का अनुभव मिलने से छात्रों को करियर में तेजी से बढ़ने का अवसर मिलता है। यह अनुभव न केवल उन्हें ब्रिटेन में, बल्कि भारत लौटने पर भी बहुत मददगार होता है। भारतीय छात्रों को ब्रिटेन में यह मौका करियर को एक नई दिशा देता है।

ब्रिटेन की शिक्षा प्रणाली और भारत की शिक्षा प्रणाली में आप क्या मुख्य अंतर देखते हैं?

अभिमन्यु : ब्रिटेन की शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक और प्रोजेक्ट आधारित है, वहां छात्रों को इंडस्ट्री से जुड़े असाइनमेंट्स का अनुभव मिलता है। यह एक बड़ी खासियत है, क्योंकि यह छात्रों को असली दुनिया के कामकाज से जोड़ता है। भारत की शिक्षा प्रणाली में अब भी थ्योरी पर ज्यादा जोर दिया जाता है, हालांकि अब उसमें भी बदलाव हो रहे हैं। ब्रिटेन में छात्रों को विषय चुनने की आजादी मिलती है, जिससे वे अपने रुचि के अनुसार अध्ययन कर सकते हैं और यह उनके करियर के लिए फायदेमंद होता है।

आपने लंदन की टेम्स नदी और काशी की गंगा की तुलना की, तो दोनों की सांस्कृतिक और व्यक्तिगत भावनात्मक मान्यता पर आपका क्या नजरिया है?

अभिमन्यु : लंदन की टेम्स नदी एक ऐतिहासिक और आधुनिकता का प्रतीक है, जबकि काशी की गंगा हमारे लिए सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का केंद्र है। जब मैं काशी आया और गंगा के घाटों पर गया, तो मुझे वहां की संस्कृति, परंपराएं और आध्यात्मिकता ने गहरे से प्रभावित किया। गंगा केवल एक नदी नहीं है, यह हमारे समाज और आध्यात्मिक जीवन की धड़कन है। गंगा के प्रति मेरी भावनाएं बहुत गहरी हैं, जो कि ब्रिटेन में रहने के बावजूद कभी कम नहीं हो सकतीं। टेम्स और गंगा की तुलना करने पर, गंगा का आध्यात्मिक महत्व मेरे लिए कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।

काउंसलर के रूप में आपने भारतीय समुदाय के हितों के लिए क्या प्रमुख काम किए हैं?

अभिमन्यु : काउंसलर बनने के बाद मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी भारतीय समुदाय की आवाज बनना था। मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि ब्रिटेन में बसे भारतीयों के हितों की रक्षा हो। रोजगार, शिक्षा, और सामाजिक मुद्दों पर मैंने उनके मुद्दों को उठाया है। मैंने कोशिश की है कि भारतीय समुदाय को वहां एक मजबूत पहचान मिले और वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना मेरी प्राथमिक जिम्मेदारी रही है।

आपके राजनीति और इंटरनेशनल लॉ की पढ़ाई ने आपके काउंसलर बनने के सफर को कैसे प्रभावित किया?

अभिमन्यु : मेरी राजनीति और इंटरनेशनल लॉ की पढ़ाई ने मुझे ब्रिटेन की राजनीतिक और कानूनी व्यवस्था को गहराई से समझने में मदद की। इसने मुझे नेतृत्व कौशल और रणनीतिक सोच को विकसित करने में सहारा दिया, जो काउंसलर के रूप में मेरे कार्यकाल में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ। इंटरनेशनल लॉ के अध्ययन से मैंने दुनिया भर की राजनीति और कानून की बेहतर समझ हासिल की, जिसने मुझे एक सक्षम काउंसलर बनने में मदद की। यह शिक्षा मेरे राजनीतिक सफर में मील का पत्थर साबित हुई।

ब्रिटेन में पढ़ाई के दौरान भारतीय छात्रों के सामने कौन सी चुनौतियां आती हैं और आप उन्हें इससे निपटने के क्या सुझाव देंगे?

अभिमन्यु : भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन में सबसे बड़ी चुनौतियां सांस्कृतिक बदलाव और भाषा का फर्क हो सकती हैं। हालांकि, हमारे लिए अंग्रेजी कोई नई भाषा नहीं है, लेकिन यहां की अंग्रेजी बोलचाल और कामकाजी माहौल थोड़ा अलग हो सकता है। छात्रों को अपने जीवन को संतुलित रखने के लिए पढ़ाई और पार्ट-टाइम काम के बीच तालमेल बिठाना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मेरा सुझाव है कि छात्र शुरुआत से ही आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करें और स्थानीय संस्कृति को समझने के प्रयास करें। इससे वे वहां के माहौल में जल्दी एडजस्ट कर सकते हैं।

भविष्य में भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन में कौन-कौन से करियर क्षेत्र उभरने वाले हैं?

अभिमन्यु : वर्तमान में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्र ब्रिटेन में तेजी से उभर रहे हैं। भारतीय छात्रों के लिए ये क्षेत्र बहुत ही अच्छे अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, हेल्थकेयर और फाइनेंस के क्षेत्र में भी बड़ी संभावनाएं हैं। भारतीय छात्रों के पास तकनीकी कौशल में बढ़त है, जो उन्हें इन क्षेत्रों में बढ़ने में मदद कर सकती है। आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों में और भी ज्यादा संभावनाएं देखने को मिलेंगी।

Share this: