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लोकसभा में 80 सीटों के इजाफे की उम्मीद, अकेले यूपी में 15 सीटें बढने के आसार

लोकसभा में 80 सीटों के इजाफे की उम्मीद, अकेले यूपी में 15 सीटें बढने के आसार

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सीटें भी बढ़ेंगी, वर्तमान में 403, अगले साल जनगणना हुई तो वर्ष 2026 में गठित होगा नया परिसीमन आयोग

Lucknow news, UP news :  एक साल के बाद यानि वर्ष 2026 में होने वाले नये परिसीमन से न केवल लोकसभा, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों की विधानसभाएं बदल जाएंगी। यही नहीं इस परिसीमन से न केवल राजनीतिक भूगोल बदलेगा, बल्कि जातीय संतुलन भी बदल जाएगा। महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद इस नये परिसीमन में अब महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या में भी इजाफा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। नये परिसीमन की तैयारी शुरू हो गयी है।

अगले साल जनगणना होनी है

इस साल नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की नयी सरकार गठित होने के बाद अब अगले साल जनगणना होनी है। आमतौर पर जनगणना के बाद ही परिसीमन करवाया जाता है। चूंकि दक्षिण के राज्य जनसंख्या के आधार पर परिसीमन करवाने का विरोध कर रहे हैं, इसलिए समानुपातिक आधार पर परिसीमन करवाए जाने की ज्यादा उम्मीद लगायी जा रही है। इसके लिए जनसांख्ययकी संतुलन बनाए रखने का फ्रेमवर्क तैयार हो रहा है।

अभी देश की लोकसभा में 543 सीटें हैं

इस वक्त देश की लोकसभा में 543 सीटें हैं और नये परिसीमन के बाद करीब 80 सीटों के और इजाफे का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नयी संसद की लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गयी है। देश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। अगले परिसीमन के बाद यहां करीब 15 लोकसभा सीटों की और बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। सुरक्षित लोकसभा सीटों की संख्या भी बढ़ सकती है। परिसीमन के बाद अन्य राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों की विधानसभाओं में भी सीटें बढ़ सकती हैं।

उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें

उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं, जिनकी संख्या बढ़ने की पूरी सम्भावना है। हालांकि वर्ष 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में नये परिसीमान की संस्तुतियां लागू होने के आसार कम ही हैं, क्योंकि नया परिसीमन आयोग 2026 में गठित होगा और उसके बाद कम से कम दो साल का समय उसे अपनी रिपोर्ट बनाने में लगेगा।

कब-कब हुआ परिसीमन

बताते चलें कि इससे पहले वर्ष 1951 में जनगणना हुई और फिर देश में 1952 के लोकसभा चुनाव में 494 लोकसभा की सीटें तय हुई थीं। फिर 1961 की जनगणना के बाद 1963 के लोकसभा चुनाव में 522 सीटों, 1971 की जनगणना के बाद 1973 में 543 सीटों, 2001 की जनगणना के बाद 2002 के चुनाव में भी 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुए थे यानि अब वर्ष 2026 में होने वाले परिसीमन की रिपोर्ट लागू होने पर 53 साल लोकसभा की तस्वीर बदल जाएगी।

जानें परिसीमन के बारे में

संविधान के अनुच्छेद 81 के अनुसार लोकसभा और विधानसभाओं की सीमाओं को पुर्नसीमांकित करने को परिसीमन कहते हैं। परिसीमन कई वर्षों में बढ़ी आबादी का अच्छे से प्रतिनिधत्व व समुचित विकास के लिए करवाया जाता है। राज्य की आबादी के अनुपात व अनुसूचित जाति व जनजाति की आबादी के हिसाब से सीटों की संख्या तय की जाती है ताकि समान प्रतिनिधित्व दिया जा सके। वर्ष 2026 में होने वाले परिसीमन के लिए अनुच्छेद 81 की उपधारा तीन में बदलाव करना पड़ेगा। यह वर्ष 2002 में बनाया गया था, जिसमें यह तय किया गया था कि अगला परिसीमन 2026 में होगा और इसमें वर्ष 2021 की जनगणना को आधार बनाया जाएगा मगर 2021 में कोरोना महामारी की वजह से जनगणना नहीं हो सकी थी।

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