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इस साल भी नहीं होगी जनगणना, एनपीआर पर भी संदेह, बजट आवंटन में भारी कटौती

इस साल भी नहीं होगी जनगणना, एनपीआर पर भी संदेह, बजट आवंटन में भारी कटौती

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New Delhi news :  भारत में दस-वर्षीय जनगणना 2025 में भी आयोजित होने की संभावना कम दिखाई दे रही है, क्योंकि शनिवार को पेश किए गए आम बजट में इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के लिए केवल 574.80 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को भारत की 2021 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय जनगणना पर अनुमानित 8,754.23 करोड़ रुपये और एनपीआर पर 3,941.35 करोड़ रुपये खर्च होने की योजना थी।

इसका पहला चरण, यानी हाउस लिस्टिंग और एनपीआर अपडेट का कार्य, पहली अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच पूरा किया जाना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। तब से लेकर अब तक सरकार ने जनगणना के नए कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। 2025-26 के बजट में जनगणना, सर्वेक्षण और सांख्यिकी/रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) के लिए केवल 574.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि 2021-22 के बजट की तुलना में काफी कम है, जब 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। 2024-25 में भी इस मद में 572 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

डिजिटल होगी अगली जनगणना

जब भी जनगणना होगी, यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी। सरकार नागरिकों को आत्म-सूचना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) का अवसर देगी। इसके लिए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करना अनिवार्य होगा। सेल्फ-एन्यूमरेशन के लिए एक विशेष पोर्टल तैयार किया गया है, जिसे अभी तक लॉन्च नहीं किया गया है।

आधार या मोबाइल नंबर अनिवार्य

इस प्रक्रिया के तहत नागरिकों को अपना डेटा स्वयं भरने का विकल्प दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए आधार नंबर या मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा।

जनगणना में पूछे जाएंगे ये सवाल

रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन सवाल तैयार किए हैं। इनमें शामिल हैं:

क्या परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट, मोबाइल या स्मार्टफोन है?

क्या उनके पास साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल या कार है?

परिवार मुख्य रूप से कौन सा अनाज खाता है?

पेयजल का मुख्य स्रोत क्या है?

घर में बिजली, शौचालय, स्नानघर, रसोई और गैस कनेक्शन की उपलब्धता।

खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य ईंधन।

घर की दीवार, छत और फर्श के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री।

घर के मुखिया की जाति, लिंग, और परिवार में विवाहित जोड़ों की संख्या।

12,000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित खर्च

अधिकारियों के अनुसार, इस पूरे जनगणना और एनपीआर अपडेट की अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी। हालांकि, मौजूदा बजट आवंटन को देखते हुए, यह संभावना कम है कि जनगणना 2025 में आयोजित की जाएगी। सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान अब तक नहीं आया है।

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