Mumbai news, Bollywood news : जब बाहर के लोग मुंबई की माया नगरी को जानने समझने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें लगता है कि वहां सब कुछ चमक दमक से भरा हुआ है। सभी हीरो-हीरोइन शानदार जीवन जीते हैं। लेकिन, वास्तव में यह हकीकत नहीं है। ऐसे भी उदाहरण मिलते हैं कि अपने जमाने के नामी-गिरामी अभिनेता और अभिनेत्री अपने जीवन में तमाम ऐसे दर्द को झेलते हैं, जिनसे आम लोग वाकिफ नहीं होते हैं। अपने जमाने के अत्यंत प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्टर प्रदीप कुमार के बारे में हम ऐसा ही कह सकते हैं। 23 साल पहले 2001 में जिस अभिनेता का निधन हो गया था, आज भी वह अपने फैंस के दिलों में जिंदा है।
चार बच्चों ने छोड़ दिया था
अशोक कुमार, देवानंद और गुरुदत्त के जमाने में प्रदीप कुमार अपना एक अलग स्थान रखते थे। उन्होंने लगभग 4 दशकों तक फिल्मों में काम किया। एक से एक रोल निभाया। याद कीजिए ताजमहल का वह गीत- जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा। इस फिल्म के मुख्य कलाकार प्रदीप कुमार ही थे। कई फिल्मों में उन्होंने यादगार रोल अदा किया है। 4 दशकों तक फिल्मी दुनिया में छाए रहने वाले इस कलाकार के चार बेटे थे। लेकिन, अंत में उन्होंने भी प्रदीप कुमार को छोड़ दिया और एकांत में उनके जीवन का अंत हुआ। उनकी 3 बेटियां- बीना बनर्जी, मीना चट्टोपाध्याय और रीना कुमार और बेटा देबी प्रसाद बटब्याल हैं।
17 साल में शुरू की थी एक्टिंग की उम्र से एक्टिंग की
बहुत कम लोग जानते होंगे कि प्रदीप कुमार का असली नाम सितल बटब्याल था। उन्होंने 17 साल की उम्र में एक्टिंग शुरू की थी। उन्होंने हिंदी, बंगाली और इंग्लिश फिल्मों में काम किया। साल 1947 में उन्होंने बंगाली फिल्म ‘अलकनंदा’ से एक्टिंग में डेब्यू किया। उन्होंने साल 1952 में आई फिल्म आनंद मठ में अहम रोल निभाया। इसके अगले साल उन्होंने एक्ट्रेस बीना राय के साथ फिल्म ‘अनारकली’ में और साल 1954 में आई फिल्म नागिन में वैजंयतीमाला के अपॉजिट लीड रोल निभाया। उन्होंने अमिताभ बच्चन, सनी देओल, जीतेंद्र, मनोज कुमार समेत कई बड़े एक्टर्स के साथ काम किया।