Bollywood news, Mumbai news : बॉलीवुड के पुराने एक्टरों में शम्मी कपूर की पहचान अलग किस्म की है। आज वह हमारे बीच नहीं है लेकिन अपनी फिल्मों में की गई एक्टिंग और अंदाज के माध्यम से हमारे जहन में वह जिंदा हैं। हिंदी सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अभिनेता एक मस्तमौला इंसान थे। यह महत्वपूर्ण है कि सन् 1961 में आई उनकी एक फिल्म ने उन्हें फिल्मी दुनिया में याहू बॉय के रूप में स्थापित कर दिया। यह फिल्म थी जंगली। उनका निधन 14 अगस्त 2011 को हो गया था।
100 फिल्मों में किया था काम
21 अक्टूबर 1931 को जन्में शम्मी कपूर का पूरा नाम शमशेर राज कपूर था। शम्मी कपूर को भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान और सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में भी काम किया था। उस दशक में भी उनके पास 3 फिल्मफेयर पुरस्कारों के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार था। शम्मी कपूर का जन्म मुंबई में पृथ्वीराज कपूर और रामशरनी मेहरा कपूर के घर हुआ था।
कोलकाता में गुजरा था बचपन का एक बड़ा हिस्सा
शम्मी के बचपन का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता में गुरा था। कोलकाता में ही उन्होंने अपनी मोंटेसरी शिक्षा और किंडरगार्टन की पढ़ाई की। मुंबई वापस आने के बाद पहले सेंट जोसेफ कॉन्वेंट (वडाला) और फिर डॉन बॉस्को स्कूल में एडमिशन लिए। उन्होंने ह्यूजेस रोड स्थित न्यू एरा स्कूल से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। रामनारायण रुइया कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद वह अपने पिता की ड्रामा कंपनी पृथ्वी थियेटर्स में शामिल हो गए थे और कई सालों तक काम किया।
1953 में स्टार्ट किया फिल्मी करियर
शम्मी कपूर ने साल 1953 में आई ‘जीवन ज्योति’ के साथ हिंदी फिल्मों में अपनी शुरुआत की थी। फिल्म को महेश कौल ने निर्देशित किया था, जिसमें उनकी अभिनेत्री चांद उस्मानी थीं। शम्मी कपूर के जीवन में असफलता से सफलता तक का रास्ता भी काफी लंबा था। उन्होंने ‘रेल का डिब्बा’, ‘नकाब’, ‘हम सब चोर हैं’, ‘महबूबा शमां परवाना’, ‘मेम साहिब’, ‘चोर बाजार’ जैसी फिल्मों में काम किया। शम्मी कपूर को बड़ी सफलता नासिर हुसैन निर्देशित ‘तुम सा नहीं देखा’, ‘दिल देकर देखो’ के साथ मिली। शम्मी कपूर ने एक्ट्रेस गीता बाली से 1955 में शादी कर ली थी, लेकिन उनकी पत्नी का निधन महज 35 साल की उम्र में हो गया था। इसके चार साल बाद कपूर ने भावनगर राज्य के गोहिल राजवंश की राजकुमारी नीला देवी गोहिल से शादी की।