सीएम योगी के निर्देश पर पूरी तरह से मुस्तैद है मेला प्रशासन, विभिन्न मार्गों पर जाने के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से साझा की जानकारी
Mahakumbh Nagar news : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में मेला प्रशासन ने बसंत पंचमी स्नान को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। शनिवार को पहुंचे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे। पूरी तरह से मुस्तैद मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को आने-जाने के लिए जानकारी साझा की है। अरैल से झूंसी जाने के लिए पुल नम्बर 28 खुला है। संगम से झूंसी जाने के लिए पुल नम्बर 2,4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 व 25 खुले हैं। वहीं झूंसी से संगम जाने के लिए श्रद्धालु पुल न. 16, 18, 21 और 24 का प्रयोग कर सकेंगे। वहीं झूंसी से अरैल जाने के लिए पुल नम्बर 27 व 29 खुले हैं। श्रद्धालु इन मार्गों का प्रयोग कर आसानी से आवागमन कर सकेंगे।
महाकुंभ के नवाचार बन रहे वैश्विक अध्ययन के विषय…
महाकुंभ में लगभग 34 करोड़ लोग आकर स्नान करके चले गये। उनमें से कई यहीं पर रुके भी हुए हैं।
इन सबकी मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ -साथ आधुनिक सुविधा और सुरक्षा धरती पर हो रहे इस सबसे बड़े मेले की ताकत रही है। और उसके प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का उपयोग वैश्विक अध्ययन का विषय बना है।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री इन उपायों को करने में और इन्हें धरती पर कार्यरत करने में एवं लोकोपयोगी बनाने में अग्रसर दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने हमेशा यह कहा है कि महाकुंभ हमारी प्राचीन विरासत है लेकिन अबकी बार ऐसे समय में हो रहा है जब भारत दुनिया का तेज़ी से विकास करने वाला देश बना है। यह महाकुंभ डिजिटल इंडिया में हो रहा है। यह मेला विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में हो रहा है। इसलिए यह मौक़ा है विश्व को भारत का विराट आधुनिक स्वरूप दिखाने का। वो कहते रहे हैं कि इसी मिज़ाज के साथ वो इस मेले के लिए कार्य कर रहे हैं। इस दिशा में उन्होंने कई उदाहरण प्रस्तुत किया है।
1. पीने का पानी:
उनके नगर विकास विभाग के जल निगम नगरीय द्वारा 250 से ज़्यादा वॉटर एटीएम लगाकर महाकुम्भ मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों को शुद्ध जलापूर्ति उपलब्ध। इस प्रकार की सुविधा बड़े शहरों और विकसित कहे जाने वाले देशों में भी नहीं उपलब्ध हो पाती है।
जल निगम द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 21 जनवरी 2025 से लेकर आज 2 फरवरी 2025 तक कुल 41 लाख से अधिक लोगों ने वॉटर एटीएम का प्रयोग करते हुए शुद्ध जल पीने का लाभ उठाया है।
वाटर नेटवर्क से कनेक्टेड वॉटर एटीएम से प्रतिदिन औसतन 12 से 15 हजार लीटर पानी श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाया जा रहा है। एटीएम में बाकायदा सिम लगा हुआ है जिसके जरिए यह जल निगम के इंटरनेट नेटवर्क से भी कनेक्टेड रहता है।
2. ट्रैफिक, भीड़ एवं मेला व्यवस्थापन
* महाकुंभ के सुचारू व्यवस्थापन के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) की स्थापना मेलाक्षेत्र में ही की गई है।
* साथ ही मेले के प्रबंधन हेतु 2700 से ज़्यादा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधारित कैमरे भी लगाए गए हैं। इनके ज़रिये हर पल, हर जगह की सूचना आईसीसीसी के कंट्रोल रूम में मिलती रहती है।
3. नगर एवं मेले की सफ़ाई व्यवस्था
महाकुंभ के दृष्टिगत प्रयाग नगर के कई क्षेत्रों में साफ़-सफ़ाई एवं ट्रैफिक सहित अनेक सेवाओं के बारे में नगर निगम के कंट्रोल रूम से जुड़े हुए AI कैमरों के मार्फ़त ज़मीनी स्थिति का व्यवस्थापन हो रहा हैं। ये कैमरे सफ़ाई अधिकारियों की मोटर साइकिल पर भी लगे हैं।
यही कारण है कि हज़ारों हेक्टेयर में फैले इस मेले में गंदगी का नामो निशान नहीं दिख रहा है।
4. जीआईएस मैपिंग वाले बिजली के खंभे:
पूरे मेला क्षेत्र में 52 हज़ार से अधिक बिजली के खंभे लगाए गये हैं। उन पर ऊर्जा विभाग ने तीर्थयात्रियों की मदद के लिए एक बहुत ही अच्छा काम किया है।
* बिजली के हर खंभे की जीआईएस मैपिंग करके उसकी भौगोलिक जगह चिन्हित की गई है।
* हर खंभे को एक संख्या दी गई है। जो उस पर लिखी है। खंभे की संख्या बताने से उसकी लोकेशन यानी जगह मालूम पड़ जाएगी।
* आपका कोई भी प्रिय व्यक्ति बिछड़ गया हो या अन्य कोई समस्या हो तो पुलिस या प्रशासन के नज़दीक के सहायता काउंटर अथवा हेल्पलाइन पर अपने खंभे की संख्या और अपनी समस्या बताने पर प्रशासन के अधिकारी या पुलिस आप तक पहुँचकर आपकी मदद कर पायेंगे।
* एक अन्य विकल्प यह भी है कि बिजली के उसी खंभे पर उसी जगह पर क्यू आर (QR) कोड स्थापित है। इसे अपने स्मार्ट फ़ोन से आप स्कैन करेंगे तो एक छोटा सा फॉर्म स्वतः खुल जाएगा। उसमें अपना नाम, फ़ोन नंबर और समस्या आप भरकर सबमिट करेंगे तो प्रशासन आप तक स्वतः पहुँचकर आपकी मदद कर रहा है।
* अपनों को खोजना हो; या कुछ खोया हुआ पाना हो। रास्ता जानना हो; या और कोई समस्या हो। बस अपने नज़दीक में बिजली का खंभा खोज लीजिए।
* हज़ारों लोग इसका लाभ ले चुके हैं।