Ranchi news : किसी भी व्यक्ति या परिवार को यह अधिकार है कि वह देश के किसी भी राजनीतिक दल को पसंद करे। अपने घर पर उसका झंडा लगाए। इसका किसी को विरोध नहीं करना चाहिए। झारखंड के खिजरी विधानसभा क्षेत्र में इससे उलट उदाहरण देखने को सामने आया है।
नाराज हो गया ईसाई समुदाय
बताया जाता है कि खिजरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले अनगड़ा में कुछ आदिवासी परिवारों द्वारा अपने घरों पर भाजपा का झंडा लगाने और भाजपा के पक्ष में प्रचार करने के कारण ईसाई समुदाय नाराज हो गया। ईसाई समाज ने बाहया के ग्राम प्रधान शिवलाल पाहन को पत्र लिखकर कल यानी 24 नवंबर को महापंचायत बुलाने की बात कही है। यह महापंचायत बाहया सरकारी स्कूल के पास होगी, जिसमें आसपास के दर्जनों गांव के ईसाई समाज के लोग शामिल होंगे। अनगड़ा थाना प्रभारी हीरालाल साह ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी दी गई है। उन्होंने ग्रामप्रधान को किसी भी तरह की बैठक आयोजित करने से मना किया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धर्मांतरण को लेकर चल रहा विवाद
बताया जाता है कि बाहया गांव में धर्मांतरण को लेकर पहले से चल रहे विवाद चल रहा है। अब चुनाव में गांव के कुछेक आदिवासयों द्वारा भाजपा के पक्ष में प्रचार करने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इस पूरे मामले को खिजरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रामकुमार पाहन ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अजय भोगता का समर्थन करते हुए ईसाई मिशनरियों के कदम का विरोध किया है।
10 परिवारों ने अपनाया है ईसाई धर्म
अजय के मुताबिक, बाहया क्षेत्र में हाल के वर्षों में 10 परिवार ईसाई धर्म अपना चुके हैं। उनका बड़ा भाई गोपाल गंझू 1996 में ईसाई बन चुका है और अब फ्रांसिस सुनवार के नाम से जाना जाता है। अजय का आरोप है कि धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ ताजा घटना की शुरुआत 20 नवंबर को हुई। अजय भोगता का पांच वर्षीय पुत्र अर्पित राज भाजपा का झंडा लेकर साइकिल पर घूम रहा था। इसे लेकर हेसल खीराटोली स्थित एजी चर्च इंग्लिश मीडियम स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चे को डांट दिया। इसके बाद बच्चा स्कूल जाने से डरने लगा। प्रिंसिपल नीलम बारला ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने बच्चे को कहा था कि झंडा लेकर घूमने के बजाय परीक्षा की तैयारी करें। इसे बेवजह विवाद का मुद्दा बनाया गया।