Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

10वीं बोर्ड परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में कोडरमा से दो गिरफ्तार

10वीं बोर्ड परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में कोडरमा से दो गिरफ्तार

Share this:

Koderma news : झारखंड 10वीं बोर्ड परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से आदेश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने इस मामले में जांच तेज कर दी है। उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने मामले पर उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की है। जांच टीम ने पेपर लीक मामले में 12 घंटे के अन्दर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रशासन ने बताया कि पेपर लीक मामले पर पुलिस विभाग ने अपने साइबर सेल को विशेष निर्देश देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी हर गतिविधियों निगरानी रखने के निर्देश दिये हैं। कोडरमा उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मरकच्चो थाना में मामला दर्ज किया गया है, दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इनमें प्रशांत कुमार साव और आशीष कुमार साव शामिल हैं। इधर, कोषागार से पेपर लीक होने की बात को उपायुक्त ने सीधे तौर पर खारिज किया है।

कोचिंग संचालक प्रशांत कुमार साव गिरफ्तार

हिन्दी और विज्ञान के पेपर लीक कराने के मामले में पुलिस ने कोडरमा जिले के जामु निवासी स्कूल कोचिंग संचालक प्रशांत कुमार साव और आशीष कुमार साव को गिरफ्तार किया है। प्रशांत मरकच्चो प्रखंड के जामू में एक प्राइवेट स्कूल और कोचिंग सेंटर चलाता है। प्रशांत ने पुलिस को बताया कि उसे मरकच्चो निवासी प्रिंस राणा नामक छात्र ने प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था। प्रिंस मूक-बधिर है, जो खुद इस बार परीक्षा में शामिल होनेवाला था। प्रिंस अपने पिता इंद्रदेव विश्वकर्मा और मां आरती देवी के साथ इलाज के लिए बेंगलुरू गया है। बताया जा रहा है कि बेंगलुरू से वापस आनेवाली ट्रेन छूट जाने की वजह से वह परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया। पुलिस ने जब प्रिंस के घर पर दबिश दी, तो वहां उसकी दादी और छोटा भाई गौतम मिले। प्रश्नपत्र एक व्हाट्सएप ग्रुप में मात्र 350 रुपये में बेचे गये थे। इस ग्रुप का एडमिन प्रिंस ही है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड एग्जामिनेशन से यह व्हाट्सएप ग्रुप हाल में बनाया गया था। इस ग्रुप से जुड़ने के लिए छात्रों को लिंक भेजे गये थे। इस ग्रुप में एक हजार से ज्यादा लोग जुड़े थे। ग्रुप से जुड़ने के बाद प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के बदले क्यूआर कोड से 350 रुपये मांगे गये थे। प्रश्नपत्र के पीडीएफ को अनलॉक करने के लिए पासवर्ड बनाया गया था। जिन लोगों ने रुपये का भुगतान किया, उन्हें पासवर्ड उपलब्ध कराया गया था।

महाराष्ट्र और देवघर से भी तार जुड़े होने के सबूत

पेपर लीक मामले में कई कोचिंग संचालक के भी तार जुड़े होने की बात सामने रही है। पूछताछ में महाराष्ट्र और देवघर, गिरिडीह से भी इसके तार जुड़े होने के सबूत मिल रहे हैं, जहां टीम को भेजा गया है। सभी मामलों की जानकारी जैक द्वारा बनायी गयी समिति को दे दी गयी है। बता दें कि झारखंड में 18 फरवरी को हिन्दी और 20 फरवरी को विज्ञान की परीक्षा का आयोजन किया गया था। दोनों पेपर के प्रश्न सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जैक द्वारा पूछे गये प्रश्नों से जब वायरल प्रश्न पत्रों का मिलान किया गया, तो कई सवाल एक समान पाये गये। जैक ने उसके बाद हिन्दी और विज्ञान की परीक्षा को रद्द कर दिया था।

Share this: