New Delhi news : यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे लंबे समय से युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत की शांति व्यवस्था की पहल को पूरी दुनिया सराह रही है। यूक्रेन और रूस पर इसका असर भी दिख रहा है। यूक्रेन ने भारत से मॉस्को और कीव के बीच छिड़ी जंग को समाप्त करने में और अधिक सक्रियता की मांग की है। इसके साथ ही यूक्रेन ने कहा कि भारत अगर संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट चाहता है तो उसे इस मामले में और प्रयास करने होंगे। यूक्रेन की तरफ से आया ये बयान न केवल उसकी राजनीतिक समझ को सवालों के घेरे में लाता है बल्कि उसकी वर्तमान स्थिति और वैश्विक राजनीति में उसकी भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है।
जंग को लेकर रूस ने स्वीकार की है भारत की मध्यस्थता
यह यूक्रेन की कूटनीति नासमझी और दिशाहीनता मानी जा रही है। यूक्रेनी राजदूत ऑलेक्ज़ेंडर पोलिशचुक ने कहा कि यूक्रेनी पक्ष को उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट सुरक्षित करने के अपने प्रयासों के तहत भारत वैश्विक मुद्दों पर जिम्मेदारी साझा करेगा और भारतीय पक्ष को कूटनीति और बातचीत के लिए एक ठोस योजना तैयार करनी चाहिए। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन मध्यस्थका की पेशकश के लिए भारत का नाम भी ले चुके हैं। वहीं जर्मन विदेश मंत्रालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ने भी इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता और रूस एवं यूक्रेन को बातचीत करनी ही होगी।