188 ड्रोनों से कई अहम इमारतों को हुआ बड़ा नुकसान
Moscow news : यूक्रेन पर रूस ने बीती रात जोरदार हमले किए हैं। यूक्रेन की ओर से बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। यूक्रेन का कहना है कि रूस की ओर से पूरी रात 188 ड्रोनों के जरिए हमले किए गए। इन हमलों में कई अहम इमारतों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा कई रिहायशी इलाकों में भी लोगों को हमलों का शिकार होना पड़ा है। कीव में भी सायरन बजते रहे।
यूक्रेन की एयरफोर्स ने कहा कि रात में हमला हुआ और दुश्मन देश ने ड्रोन दागे। यूक्रेन का कहना है कि ये हमले ईरान में बने शाहेद ड्रोन्स से किए गए हैं।
बीते एक महीने में यूक्रेन पर रूस के हमले तेज हुए हैं। पिछले कुछ महीनों से रूस की सेना की आक्रामकता कम हो रही थी, लेकिन उसने फिर से हमले तेज किए हैं। इन हमलों में यू्क्रेन से रूस ने लंदन के आधे के बराबर एरिया छीन लिया है। जानकारों का कहना है कि रूस और यूक्रेन का युद्ध अब सबसे खतरनाक मोड़ पर है। एक तरफ रूस की सेना के हमले तेज हैं, तो वहीं यूक्रेन ने भी अमेरिकी मिसाइलों के जरिए टारगेट किया है। ऐसे में पूरी संभावना है कि युद्ध भीषण भी हो सकता है।
एक रूसी समाचार समूह एजेंट्स्टवो का कहना है कि व्लादिमीर पुतिन की सरकार ने यू्क्रेन पर हमले के लिए साप्ताहिक और मासिक टारगेट तय किया है। रूसी सेना ने बीते एक सप्ताह में ही 235 वर्ग मील तक का एरिया कब्जा लिया है। माना जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन अब यूक्रेन के साथ युद्ध को लंबा नहीं खींचना चाहते। वह किसी मोड़ पर अब जंग को रोकने के मूड में हैं। ऐसे में आर-पार की जंग को लेकर उन्होंने हमले तेज कर दिए हैं।
रूस ने ब्रिटेन के राजदूत को देश से निकाला
यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने एक बड़ा कदम उठाया गया है। रूस ने ब्रिटेन के राजदूत को देश से निकाल दिया गया है। बताया जाता है कि यह कदम जासूसी के आरोप में उठाया गया है। यह जानकारी रूस की एफबीबी सुरक्षा सेवा के हवाले से दी गई है। तास समाचार एजेंसी के मुताबिक रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखरोवा ने बताया कि ब्रिटिश राजदूत को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। सरकारी समाचार एजेंसियों के अनुसार एफएसबी सुरक्षा सेवा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राजनयिक ने खुफिया और विस्फोटक गतिविधियों को अंजाम दिया है। इसके मुताबिक रूस में प्रवेश की अनुमति हासिल करते समय उन्होंने जानबूझकर गलत जानकारी मुहैया कराई। यह रूसी कानून का उल्लंघन है। हालांकि इस मामले में ब्रिटिश विदेश मंत्रालय या मॉस्को स्थित ब्रिटिश दूतावास से अभी कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।