राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन आधारभूत भू-स्थानिक अवसंरचना और डेटा करेगा विकसित
गिग वर्कर्स को पहचान पत्र मिलेंगे और ई-श्रम पोर्टल पर होगा पंजीकरण
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गिग-वर्कर्स को दी जायेगी स्वास्थ्य सुविधा
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 30,000 रुपये की सीमावाले यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा
New Delhi news : केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि जुलाई के बजट में घोषित ‘विकास केन्द्रों के रूप में शहर, शहरों का सृजनात्मक पुनर्विकास, और जल एवं स्वच्छता के लिए प्रस्तावों को कार्यान्वित करने के लिए सरकार एक लाख करोड़ रुपये की ‘शहरी चुनौती निधि’ स्थापित करेगी।
उन्होंने कहा कि यह निधि भरोसेमंद परियोजनाओं की लागत के 25 प्रतिशत तक की धनराशि को इस शर्त के साथ वित्तपोषित करेगी कि लागत का कम से कम 50 प्रतिशत बॉन्ड, बैंक ऋणों और पीपीपी के माध्यम से वित्तपोषित किया जाये। वर्ष 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है।
बज’राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन’ शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है। पीएम गति शक्ति का उपयोग करते हुए यह मिशन भू-अभिलेखों, शहरी नियोजना और अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के डिजाइन के आधुनिकीकरण को सम्भव बनायेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार शहरी गरीबों और कमजोर समूहों को सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता देती आ रही है। शहरी कामगारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम कार्यान्वित की जायेगी, ताकि उनकी आय बढ़ाने, धारणीय आजीविका और बेहतर जीवन स्तर हासिल करने में उनकी सहायता की जा सके।
आॅनलाइन प्लेटफॉर्मों के गिग कामगार नये युग की सेवा अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण गतिशीलता प्रदान करते हैं। इनके योगदान को मान्यता देते हुए सरकार उनके पहचान पत्रों और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सम्बन्धी देखभाल प्रदान की जायेगी। इस उपाय से लगभग एक करोड़ गिग कामगारों को सहायता मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने इस तथ्य पर जोर देते हुए कहा कि पीएम स्वनिधि योजना ने उच्च ब्याज दर वाले अनौपचारिक क्षेत्र के ऋणों से राहत पहुंचाते हुए 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित किया है। इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए इस स्कीम को बैंकों से संवर्द्धित ऋण, 30,000 रुपये की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ नवीकृत किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि किफायती और मध्यम आय आवास के लिए विशेष विंडो (एसडब्ल्यूएएमआईएच) के अंतर्गत विशिष्ट आवास परियोजनाओं में 50 हजार आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और घर खरीदनेवालों को इनकी चाभियां सौंप दी गयी हैं। इससे उन मध्यवर्गीय परिवारों को मदद मिलेगी, जो अपार्टमेंट के लिए ऋण पर ईएमआई का भुगतान कर रहे थे और साथ ही अपने वर्तमान आवास में रहने के लिए किराये का भुगतान भी कर रहे थे। अन्य 40 हजार इकाइयों का निर्माण कार्य वर्ष 2025 में पूरा कर लिया जायेगा।
इस सफलता से प्रेरित होकर सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के अंशदान के साथ एक मिश्रित वित्तीय सुविधा के रूप में ‘एसडब्ल्यूएएमआईएच फंड-2’ स्थापित किया जायेगा। कुल 15,000 करोड़ रुपये वाली इस निधि का लक्ष्य एक लाख अन्य इकाइयों को शीघ्र पूरा करना है।