Dharm-Adhyatma, Indrayog : किसी भी जातक के कुंडली में इंद्र योग का होना बहुत ही फायदेमंद होता है। इंद्र योग के जातक चतुर, बुद्धिमान होते हैं। जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है, उसके करियर में खुल जाते हैं तरक्की के रास्ते। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 योगों में इंद्र योग शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 योगों में इंद्र योग शुभ माना जाता है। मनुष्य की कुंडली में निर्मित शुभ-अशुभ योग जातक को राजा और रंक दोनों ही बनाने में सक्षम हो सकते हैं।
जीवन में बहुत बड़े बदलाव आते हैं
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अलग-अलग प्रभावों से बनने वाले योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन योगों में जन्म लेने वाला व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़े बदलाव आते हैं और यह बदलाव इनके लिए शुभ साबित होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में 27 तरह के अलग-अलग योग के बारे में बताया गया है। आज की इस कड़ी में हम जानेंगे इंद्र योग के बारे में। ये योग कुंडली में कैसे बनता है और इसके क्या फायदे हैं।
क्या है इंद्र योग?
ज्योतिष शास्त्र में बताए गए 27 योगों में से इंद्र योग एक शुभ योग है। इस योग का किसी व्यक्ति की कुंडली में बनना बहुत शुभ होता है। यह व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूरे करता है। साथ ही करियर में भी तरक्की के रास्ते खोलता है। इसी वजह से ज्योतिष शास्त्र में इंद्र योग का विशेष महत्व माना जाता है।
कैसे बनता है इंद्र योग
इंद्र योग को शुभ योग माना जाता है। यह तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा से तीसरे स्थान पर मंगल हो और सातवें भाव पर शनि विराजमान हो। वहीं शनि से सातवें भाव में शुक्र मौजूद हो और शुक्र से सातवें भाव में गुरु हो।
इंद्र योग के फायदे
यदि किसी व्यक्ति की तुला लग्न हो और साथ में इंद्र योग हो तो व्यक्ति को मान सम्मान और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। ऐसे लोग हमेशा न्याय और धर्म के मार्ग पर चलते हैं। यह योग जिसकी कुंडली में बनता है उसे धन लाभ भी होता है। इस योग के कुंडली में बनने से व्यक्ति चतुर और बुद्धिमान बनता है।