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यह कॉल मर्ज स्कैम कौन सी बला है भाई, अगर नहीं जानते हैं तो एक बार जानिए…

यह कॉल मर्ज स्कैम कौन सी बला है भाई, अगर नहीं जानते हैं तो एक बार जानिए…

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New Delhi news : बेशक आज के हाईटेक दौर में लोग सुविधाओं के पीछे बहुत भाग रहे हैं। मेहनत करने से बचने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, यह हमारे लिए कितना नुकसानदेह साबित हो रहा है, इस पर भी सोचना-विचारना जरूरी है। यह अच्छी बात है कि हम डिजिटल हो रहे हैं, लेकिन इस बीच देश में साइबर अपराध के आंकड़े कान खड़े करने वाले हैं। नए-नए अंदाज में रोज हजारों हजार लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं, इसलिए इस स्थिति से बचने के उपाय को भी जानना चाहिए। अब हाल में एक कॉल मर्ज स्कैम की बला सामने आई है, जो और अधिक चिंताजनक है। आज हम इसे समझने- समझाने और इससे बचने के बारे में चर्चा करेंगे।

ठगी के तरीके की पहचान करना कठिन

विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कॉल मर्ज स्कैम फोन फ्रॉड का एक ऐसा तरीका है, जिसे आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। इसमें स्कैमर्स मोबाइल फोन्स पर ‘कॉल मर्ज’ या ‘कॉन्फ्रेंस कॉल’ फीचर का इस्तेमाल करके लोगों से उनकी जानकारियां हासिल कर ठगी कर ले रहे हैं।  ये स्कैम उन देशों में खास तौर पर पॉपुलर है, जहां बैंकिंग और गवर्नमेंट सर्विसेज के लिए अक्सर फोन कॉल्स के जरिए कॉन्टैक्ट किया जाता है।

इस प्रकार शुरू की जाती है प्रक्रिया

इस स्कैम के तहत कॉल्स मर्ज करने का रिक्वेस्ट स्कैमर विक्टिम को वेरिफिकेशन के लिए बैंक के कस्टमर केयर या लॉ एन्फोर्समेंट को कॉल करने का निर्देश देते हैं। फिर वे विक्टिम को उन्हें लाइन पर रखते हुए कॉल मर्ज करने के लिए कहते हैं। ऐसी स्थिति में विक्टिम एक रियल कस्टमर सर्विस नंबर पर कॉन्टैक्ट नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक दूसरे स्कैमर से कॉन्टैक्ट कर रहे होते हैं। दूसरा स्कैमर, एक बैंक या लॉ एन्फोर्समेंट रिप्रजेंटेटिव के रूप में पोज करते हुए, विक्टिम से उनकी आइडेंटिटी वेरिफाई करने या उनके अकाउंट को सिक्योर करने के बहाने ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड), कार्ड डिटेल्स, पिन या ऑनलाइन बैंकिंग क्रेडेंशियल्स जैसी सेंसिटिव डिटेल्स मांगता है। जानकारी हासिल होने के बाद अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं।

सुरक्षा की जानकारी रहना जरूरी

याद रखिए, वेरिफिकेशन के लिए कॉल्स कभी मर्ज न करें। बैंक और ऑफिशियल एजेंसियां कभी भी कस्टमर्स से ऑथेंटिकेशन के लिए कॉल्स मर्ज करने के लिए नहीं कहती हैं। अगर कोई बैंक या गवर्नमेंट बॉडी से होने का दावा करता है, तो फोन काट दें और इंस्टीट्यूशन की वेबसाइट से सीधे ऑफिशियल नंबर पर कॉल करें। फोन पर कभी भी ओटीपी, पिन या बैंकिंग डिटेल्स डिस्क्लोज न करें। अगर आपको ऐसी कोई कॉल आती है, तो इसकी रिपोर्ट अपने बैंक, पुलिस या साइबरक्राइम हेल्पलाइन को करें। इस प्रक्रिया के द्वारा आप खुद को बचा सकते हैं और दूसरों को भी इसकी जानकारी दे सकते हैं।

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