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बांसुरी स्वराज जब विरोधियों को देती हैं जवाब, तो झलकता है मां सुषमा का अंदाज

बांसुरी स्वराज जब विरोधियों को देती हैं जवाब, तो झलकता है मां सुषमा का अंदाज

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New Delhi news : नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह टिकट मिला, तो अचानक सियासत के केन्द्र में आ गयीं। वह भाजपा की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज की बेटी हैं। मगर, उनकी पहचान बस यही नहीं है। वह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। कई बड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार का पक्ष रख चुकी हैं। तेज-तर्रार क्रिमिनल लॉयर की पहचान अपने दम पर हासिल की। प्रखर वक्ता हैं। जब राजनीतिक विरोधियों को जवाब देती हैं, तो सहज ही उनमें मां सुषमा स्वराज की झलक दिखती है। बांसुरी ने हाल में भाजपा के विधि प्रकोष्ठ की सह-संयोजक बनने के साथ ही सक्रिय राजनीतिक जीवन में पदार्पण किया है। 1984 में जन्मीं बांसुरी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सेंट कैथरीन कॉलेज से कानून में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। 2007 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ जुड़ कर वकील के तौर पर कॅरिअर शुरू किया। वह हरियाणा सरकार की अतिरिक्त महाधिवक्ता रह चुकी हैं। बांसुरी दिल्ली में भाजपा के लिए ऐसे नेता की कमी पूरा करने की क्षमता रखती हैं, जो जरूरत पड़ने पर दिल्ली भाजपा का नेतृत्व कर सके।

केजरीवाल के खिलाफ खोला मोर्चा

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भाजपा में शामिल होने के साथ ही बासुरी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और खासतौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि वह पूरी पार्टी के साथ भाजपा में शामिल हो जायें, तो उन्हें परेशान नहीं किया जायेगा। तब बांसुरी ने कहा था कि केजरीवाल जैसे भ्रष्ट नेताओं के लिए भाजपा में आने का कोई रास्ता नहीं है।

जी-20 के डब्ल्यू-20 का रहीं हिस्सा

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बांसुरी 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी-20 के महिला सशक्तीकरण और नारी विमर्श से जुड़े समूह डब्ल्यू-20 का हिस्सा रहीं। यह गैर सरकारी भागीदारों को मिला कर बनाया गया कार्य समूह है।

पूरी की मां की इच्छा

पाकिस्तान की हिरासत में रहे कुलभूषण जाधव की फांसी टालने के लिए वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में केस लड़ा। साल्वे ने सुषमा स्वराज से एक रुपये फीस लेने का वादा किया था। सुषमा के निधन के बाद बांसुरी ने उन्हें एक रुपये देकर मां की आखिरी इच्छा पूरी की।

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