Bhujangasan, yoga, health tips : भुजंगासन का नाम भुजंग शब्द पर रखा गया है। भुजंग का मतलब होता है साँप। इस आसन में आप फॅन फैलाए साँप की मुद्रा में होते हैं, इस लिए नाम दिया गया भुजंगासन। इस लेख में भुजंगासन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में भुजंगासन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
भुजंगासन के फायदे
✓भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
✓छाती व फेफड़ों, कंधों, और पेट में खिचाव लाता है।
✓ नितंबों को मज़बूत बनाता है भुजंगासन ।
✓पेट के अंगों को उत्तेजित करता है भुजंगासन।
✓भुजंगासन तनाव, थकान को दूर करने में मदद करता है।
✓साइटिका से राहत दिलाता है।
✓अस्थमा (दमा) के लिए चिकित्सीय है भुजंगासन।
✓पारंपरिक ग्रंथों का कहना है कि भुजंगसासन शरीर की गर्मी को बढ़ाता है, रोग को नष्ट कर देता है और कुंडलिनी जगाता है।
भुजंगासन करने से पहले यह आसन करें
✓बालासन
✓ गरुडासन
✓मार्जरी आसन
भुजंगासन करने का तरीका
✓अपने पेट के बल फ्लैट जायें। पैरों के तलवे छत की और होने चाहिए।
✓अपने बाज़ुओं को धड़ की लंबाई के साथ सीधा रखें।
✓हाथों को आगे लाकर सिर के पास रखें।
✓ हाथों पर वज़न डाल कर छाती को धीरे धीरे उपर उठायें। आपके पेट से नीचे शरीर का सारा हिस्सा ज़मीन से नहीं उठना चाहिए।
✓ पैरों को उंगलियों के बल ही टिका कर रखें। पीठ जितनी मोड़ सकें आराम से, उतनी ही मोड़ें। ज़बरदस्ती क्षमता से ज़्यादा ना मोड़ें।
✓ इस मुद्रा में आपके बाज़ू पूरी तरह सीधे नहीं होते हैं।
✓ कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
✓ अगर आपकी पीठ में चोट हो तो भुजनासान ना करें।
✓ जिन्हे कार्पल टनल सिंड्रोम हो उन्हे यह आसन नहीं करना चाहिए।
✓अगर आपको सिरदर्द हो रहा हो तो भुजंगासन ना करें।
✓ गर्भावस्था में इस आसान को ना करें।
भुजंगासन करने के बाद आसन
✓ भुजंगासन के बाद आप यह आसन कर सकते हैं।
✓बितिलासन
✓ ऊर्ध्व मुख श्वानासन
✓ सेतुबंधासन