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योगी सरकार ने कहा- वक्फ भूमि का ज्यादातर हिस्सा सरकारी, इधर यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश सरकार के दावे को नकारा

योगी सरकार ने कहा- वक्फ भूमि का ज्यादातर हिस्सा सरकारी, इधर यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश सरकार के दावे को नकारा

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लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा के साथ अयोध्या का बहु बेगम का मकबरा भी सरकार ने वक्फ सम्पत्ति नहीं माना

Lakhnaw News: प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल पर विचार करने के लिए राजधानी के एक होटल में मंगलवार को संयुक्त संसदीय दल (जेपीसी) की बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि उत्तर प्रदेश में 14000 हेक्टेयर वक्फ भूमि में से 11000 हेक्टेयर भूमि सरकारी है। लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा के साथ अयोध्या का बहु बेगम का मकबरा भी सरकार ने वक्फ सम्पत्ति नहीं माना है। दूसरी तरफ बैठक के बाद उत्तर प्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने कहा-बैठक में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों ने जो आंकड़े पेश किये उस पर जेपीसी ने सवाल खड़े किये। बड़ा इमामबाड़ा व छोटा इमामबाड़ा वक्फ  की सम्पत्ति नहीं है इस बारे में उन्होंने कहा कि सरकार का यह आंकड़ा गलत है।

 बैठक में आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष व सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कहा-नया कानून वक्फ की सम्पत्ति को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है। वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है। प्रस्तावित बिल में यह प्रावधान है कि जिलाधिकारी को सारे अधिकार दिये जाएंगे। जिलाधिकारी सरकार के निर्देश पर काम करता है। बिल में बहुत सारी कमियां हैं जिसकी वजह से हम उसका विरोध कर रहे हैं।

सहारनपुर से कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने कहा कि जिस जगह हमारे पुरखों के कब्रिस्तान हैं उसे भी वक्फ की सम्पत्ति नहीं माना जा रहा। जहां सदियों से नमाज पढ़ी जा रही उसे मस्जिद मानने को तैयार नहीं हैं। जेपीसी की बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से कार्यवाहक मुख्य सचिव मोनिका एस.गर्ग, प्रमुख सचिव आवास पी.गुरु प्रसाद, चकबंदी आयुक्त आदि अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने सरकार की तरफ से बैठक में साक्ष्य प्रस्तुत किये। सरकार की रिपोर्ट का शिया वक्फ बोर्ड ने विरोध किया और कई अन्य साक्ष्य भी प्रस्तुत किये गये।

इस महत्वपूर्ण बैठक में जेपीसी के अध्यक्ष सांसद जगदम्बिका पाल, सदस्य असदउद्दीन ओवैसी, प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अल्पसंख्यक राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी, जेपीसी सदस्य सांसद बृजलाल समेत कई अन्य सांसद शामिल हुए।

बताते चलें कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 को लेकर अल्पसंख्यक मंत्रियों, बुद्धिजीवियों और पदाधिकारियों से राय ली जा रही है। बैठक में शामिल होने से पहले प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा-यह महत्वपूर्ण बैठक है। इसमें अल्पसंख्यकों के लिए सकारात्मक रणनीति बनेगी। हमारा संकल्प है कि मुसलमान को रोजगार और शिक्षा की तरफ आगे बढ़ाया जाए। वक्फ संशोधन बिल का हम पूरी तरह समर्थन करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ में नए सुधार के साथ अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काम हो।

जेपीसी के सदस्य राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने कहा-बिल को लेकर देश के कई राज्यों में बैठकें हुई हैं। इसी क्रम में मंगलवार को लखनऊ में हुई बैठक आखिरी बैठक थी। इसके बाद जेपीसी बिल को संसद में पेश करेगी आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य और इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली ने कहा-हम लोग कमेटी के सामने अपनी बात रखेंगे। वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 का किन वजहां से हम विरोध कर रहे हैं इस पर भी विस्तार से जानकारी दी।

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