Dharm- adhyatm, jyotish : कोई नहीं बता सकता है कि आसमान में कब से हम चांद देख रहे हैं। भूगोल और भौतिक विज्ञान के विशेषज्ञों के अनुसार सूर्य एक तारा है, पृथ्वी उसका ग्रह और चांद उसका उपग्रह। साहित्य, कला और गीतों में चांद की तुलना सुंदरता से की जाती है। याद कीजिए, हिमालय की गोद में फिल्म का वह गीत- चांद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था, हां, तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था।
मगर, आज हम बात करेंगे ज्योतिष विज्ञान में चांद के महत्व का। क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष में चांद के पोजिशन से आपके जीवन और मन के साथ धन के कारक होने की स्थिति का पता चलता है।
व्यक्ति को कलाकार बना देती है चांद की महादशा
ज्योतिष के जानकार आपके जीवन में चंद्रमा की महादशा के महत्व को बताते हैं। उनके अनुसार, सूर्य आत्मा का कारक है, तो चंद्रमा मन का। वैदिक ज्योतिष में सुंदरता, स्त्रीत्व, शुद्धता,आकर्षण, कोमलता, भावनाओं,कला, प्रेम, पैसा, स्थिति,संतान, विलासिता, शुभ घटनाओं, समृद्धि, मानसिक शांति,मां,चांदी और इतने पर का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्र महादशा के दौरान, कोई भी व्यक्ति अक्सर कलात्मक गतिविधियों की ओर झुकाव महसूस करता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि चंद्रमा व्यक्ति को आध्यात्मिकता और उच्च ज्ञान की ओर एक आंतरिक यात्रा पर ले जाता है।
एक शांतिप्रिय ग्रह माना जाता है चंद्रमा
ज्योतिष में चंद्रमा एक शांतिप्रिय ग्रह माना जाता है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, अपनी फ्यूचर के लिए लेकिन थोड़ा समय आपको इसमें लगेगा क्योंकि चंद्र की महादशा में चंद्रमा का अंतर चलने से कार्य जो है कि थोड़ी धीमी रफ्तार में बनते हैं। वैसे चंद्रमा की जो दशा होती है, वह व्यक्ति को मन से धन से परिपूर्ण करती है।
…और तब होगी धन और सुख की प्राप्ति
चंद्रमा के साथ जब मंगल की अंतर्दशा चलती है तो व्यक्ति को धन और सुख की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार अगर यह शुभ ग्रहों से बना हो और केंद्र या त्रिकोण में बना हुआ हो तो बड़ा ही शुभ माना जाता है। साथ ही साथ मंगल कुंडली के अंदर एक जोश का प्रतीक के साथ पराक्रम की उन्नति करने वाला माना गया है। ऐसे में चंद्रमा के महादशा में बुध का अंतर चलना आपके कार्यों में रूकावटें पैदा करेगा। याद रखिए, अगर राहु-केतु की स्थिति पत्रिका के अंदर अच्छी हो और चंद्रमा पाप रहित हो तो आप किसी समय गुप्त धन भी प्राप्त कर सकते हैं।