Chennai news, politics, Bollywood news : 1982 में अमिताभ बच्चन की कुली फिल्म आई थी। इसके पहले फिल्म की शूटिंग के दौरान वह बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इसके बाद देश के लोगों को उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगा। जब उनसे मिलने के लिए मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जा रही थीं, तो वह एयरपोर्ट पर अपने स्वागत का गुलदस्ता स्वीकार न कर सीधे अस्पताल पहुंचीं। उस दौर में देश के हर कोने में अमिताभ के जल्द स्वस्थ होने की जनता कामनाएं कर रही थी। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च, हर जगह लोग पूजा कर रहे थे, दुआएं मांग रहे थे। लोकप्रियता का ऐसा पैमाना बहुत कम देखने को मिलता है। लेकिन, हम बात कर रहे हैं उससे भी बड़ी लोकप्रियता के पैमाने की। यह बात है साउथ के स्टार एक्टर और राजनेता एमजी रामचंद्रन की। उनकी लोकप्रियता अटूट थी, व्यापक थी और अतुलनीय भी। इसकी जानकारी देश के लोगों को 1987 में उनके निधन से पता चली। 38 साल पहले जिस अभिनेता और राजनेता का निधन हो चुका है, आज भी वह दक्षिण में पूजा जाता है। उन्हें लोग प्यार से MGR कहते थे। 70 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था। स्पष्ट है कि उनका जन्म 1917 में हुआ था।
गम में कई लोगों ने की आत्महत्या की कोशिश
बताया जाता है कि जब एमजी रामचंद्रन के निधन की सूचना लोगों के बीच फैली तो गम का ऐसा माहौल उत्पन्न हो गया, जिसमें कई लोगों ने आत्महत्या तक की कोशिश की। लोकमान्य को तैयार नहीं थे कि उनका पसंदीदा नायक और उनके जीवन का जननायक उनसे बिछड़ चुका है। कई चाहने वालों को दिल का दौरा पड़ा था।
कई लोगों ने आत्मदाह कर लिया, कुछ ने अपनी नसें काट लीं, कुछ ने जहर पी लिया और अंत में एमजीआर के निधन की खबर आने के दो दिन बाद 30 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। यह भी कहा जाता है की भीड़ को तीतर भीतर करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी।
DMK से अलग होकर बनाई थी AIDMK
राजनीतिक नजरिए से देखें तो देश को 1947 में आजादी मिलने के बाद दक्षिण भारत के राज्यों में भी कांग्रेस का शासन था। कांग्रेस की राजनीति के खिलाफ करुणा निधि ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएम) के पार्टी बनाई थी। इसी पार्टी में एमजी रामाचंद्रन भी थे। लेकिन, कुछ मतभेदों के कारण वह पार्टी से अलग हो गए थे और बाद में उन्होंने ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम एआईडीएमके पार्टी बनाई थी। एमजी रामचंद्रन के बाद इस पार्टी की कमान अभिनेत्री और नेत्री जयललिता ने संभाली थी। वह कई बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी थीं। 5 दिसंबर 2016 को जयललिता के निधन के बाद भी लोगों ने एमजी रामचंद्रन के निधन के समान ही अपनी भावनाओं का इजहार किया था।