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अपनी जवानी बचाने के लिए यह महिला पीती थी लड़कियों का खून, जानें एक नजर में कुख्यात महिला सीरियल किलर को

अपनी जवानी बचाने के लिए यह महिला पीती थी लड़कियों का खून, जानें एक नजर में कुख्यात महिला सीरियल किलर को

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अभी हाल में ही पंजाब के अजनाला कस्बे के गुरुद्वारे के कुएं से मिले 282 नरकंकालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। फ्रंटियर्स इन जेनेटिक्स जर्नल में प्रकाशित शोध में इस बात की पुष्टि की गई कि ये कंकाल असल में 1857 की क्रांति से जुड़े सैनिकों के हैं, जिनकी हत्या अंग्रेजों ने की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे खूंखार महिला सीरियल किलर कौन थी?

600 लड़कियों की हत्या कर उनका खून पिया

आपको बता दें कि यूरोप में एक शाही परिवार की महिला ने अकेले 600 कुवारी कन्याओं की हत्या कर उनका खून पी लिया था। जी हां, यह एकदम सच्ची घटना है। एलिजाबेथ बथोरी का नाम इतना कुख्यात है कि लोग उसे “द ब्लड काउंटेस” के नाम से जानते हैं। इस महिला का यूरोप की सबसे बड़ी सीरियल किलर में से एक माना जाता है। इसने लड़कियों और जवान महिलाओं पर पिशाच बनने की कोशिश की थी।

लड़कियों के खून से नहाती हुई थी

एलिजाबेथ बथोरी ने अपनी जवानी बचाए रखने के लिए 600 कुंवारी कन्याओं की हत्या की थी। यह हत्या की गई लड़कियों के खून को पीती थी और उसमें स्नान भी करती थी। इसे लगता था कि लड़कियों का खून पीने से बुढ़ापा नहीं आएगा और वह पिशाच बन जाएगी।

हंगरी के शाही परिवार की सदस्य थी महिला

आपको बता दें कि एलिजाबेथ बथोरी कोई आम महिला नहीं थी, बल्कि यह हंगरी के प्रसिद्ध राजपरिवार से ताल्लुकात रखती थी। वह हंगरियन राजपरिवार के प्रमुख स्टीफन बाथोरी की भतीजी थी। स्टीफन बाथोरी शुरुआत में ट्रांसिल्वेनिया के राजकुमार थे, जो 1575 में पोलैंड के राजा बने। एलिजाबेथ अपनी बचपन की नर्स इलोना जू के साथ काले जादू का अभ्यास करती थी। इसके लिए उसे बच्चों की हड्डियों और खून की जरूरत पड़ती थी।

बचपन से ही तंत्र-मंत्र के वश में थी एलिजाबेथ

1560 में जन्मी इस महिला सीरियल किलर का पालन पोषण एक शाही परिवार में हुआ था। लेकिन उसके खानदान का हैवानियत और अपमान का एक लंबा इतिहास भी था। शायद इसी का असर एलिजाबेथ बथोरी पर पड़ा। बचपन से ही उन्हें जबरदस्त दौरे पड़ते थे। इतिहासकारों का मानना है कि यह महिला किसी तंत्र शक्ति के वश में थी या फिर उसे मिर्गी था।

चाची ने सिखाया जादू-टोना,चाचा शैतान के पुजारी

एलिजाबेथ की शादी 15 साल की उम्र में काउंट फेरेन्ज़ नाडास्डी से हुई थी। उसका पति एक योद्धा था, जो अक्सर दूर देशों में युद्ध लड़ने के लिए घर से बाहर रहता था। कहा जाता है कि यहां उसने अपनी चाची से जादू-टोना सीखा। उसके चाचा भी एक बड़े तांत्रिक और शैतान के उपासक थे।

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