New Delhi news : बैंकों की सारी सर्विस ग्राहकों के पैसों के दम पर चलती है। बैंकों के नियम बदलते रहते हैं। अब ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस का नियम बन गया है। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन पर फाइन लगा दी जाती है। इसी भी इसी प्रकार की फाइन के रूप में 11 बैंकों ने ग्राहकों से 2331 करोड रुपए वसूले हैं। 11 बैंक हैं- बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने ग्राहकों से सबसे ज्यादा 633.4 करोड़ रुपये जुटाए, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने 386.51 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक ने 369.16 करोड़ रुपये वसूले।
मिनिमम बैलेंस 1000 से ₹25000 तक
बता दें कि जब आप निर्धारित मासिक सीमा से ज्यादा बार एटीएम से पैसा निकालते हैं, बैलेंस चेक करते हैं, चेक बुक के लिए आवेदन करते हैं, एसएमएस अलर्ट की सुविधा लेते हैं, बैंक पासबुक नई बनवाते हैं, बैंक काउंटर पर जाकर ज्यादा बार कैश निकलवाते हैं तो इसके लिए बैंक आप पर शुल्क लगाते हैं। साथ ही यदि आप बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो आपको पैनल्टी का भुगतान करना होता है। बैंकों में न्यूनतम राशि एक हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक है। वैसे ज्यादातर सरकारी बैंकों में एक हजार से पांच हजार रुपए तक मासिक बैलेंस रखना होता है वरना जुर्माना लग जाता है। यह जुर्माने की राशि प्रति खाताधारक 50 से लेकर 300 रुपए तक देखने को मिल जाती है। वैसे किसी ग्राहक के 50 रुपए कटे तो उसे शायद इतना फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन बैंकों की सेहत पर इससे बहुत बड़ा फर्क पड़ रहा है। हम आपको बता दें कि इसी जुर्माने की राशि से बैंकों ने इस वित्तीय वर्ष यानी 2024 में 2331 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय की है।