रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों पर पड़ा है। वहीं दूसरी और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर सीधे तौर पर खुदरा और थोक महंगाई पर भी देखने को मिल रहा है। खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई के मोर्चे पर भी देश की जनता को जोरदार झटका लगा है। मार्च महीने में थोक महंगाई दर 14.55 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है।
अनुमान से भी ज्यादा है महंगाई दर
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर मार्च, 2022 में बढ़कर 14.55 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले फरवरी महीने में थोक महंगाई दर बढ़कर 13.11 फसदी पर आ गई थी। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में थोक महंगाई दर पूर्व में जताए गए अनुमान से भी ज्यादा रही है।
रूस- यूक्रेन युद्ध है महंगाई बढ़ने का
आंकड़ों के अनुसार महीने दर महीने आधार पर मार्च, 2022 में खाद्य पदार्थों पर थोक महंगाई दर 8.47 फीसदी से बढ़कर 8.71 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है, जबकि, ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर फरवरी के 31.50 फीसदी से बढ़कर 34.52 फीसदी के स्तर पर आ गई है। वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान के कारण कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं समेत अन्य चीजों की कीमतों में इजाफे से थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है।