Adani Groups Share, Special Vigilance : देश के दिक्कत औद्योगिक घराना अडानी समूह की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। इसके अधिकतर शेयरों में लगभग एक सप्ताह से बड़े पैमाने पर गिरावट जारी है। अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने शॉर्ट-सेलिंग को रोकने के लिए 3 फरवरी, 2023 से अडानी ग्रुप के अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स को एडिश्नल सर्विलांस मीजर्स (एएसएम) फ्रेमवर्क के तहत रख दिया है। इससे अडानी ग्रुप के इन 3 शेयरों में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सकेगा, पर इन कंपनियों के शेयरों पर विशेष निगरानी रहेगी।
निवेशकों के हित को सेफ रखने की पहल
ASM के तहत कम से कम 50 फीसदी मार्जिन लागू होगा, जो अधिकतम 100 फीसदी तक रहेगा। 3 फरवरी तक ओपन पोजिशन और 6 फरवरी से नए पोजिशन पर इसे लागू माना जाएगा। बात करें एएसएम की तो यह एक तरह की निगरानी है। इसे मार्केट रेगुलेटर सेबी, बीएसई और एनएसई अमल में लाते हैं। इसका मकसद सिर्फ निवेशकों के हितों को सेफ करना होता है।
FPO को कर दिया गया कैंसिल
इससे पहले अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) को रद्द कर दिया था। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से कंपनी पर हेराफेरी करने का आरोप लगाने के बाद कंपनी में ये फैसला लिया था। चल रहे इस विवाद के बीच कंपनी ने एफपीओ के अपने निवेशकों को पैसा लौटाने की बात कही थी। कंपनी के बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 1 फरवरी, 2023 को हुई बैठक में अपने सब्सक्राइबर्स के हित में, 20,000 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों के एफपीओ के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया। अडानी एंटरप्राइजेज ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इसका एफपीओ पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया था। बोर्ड ने इस मौके पर सभी निवेशकों को सपोर्ट और एफपीओ के में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद दिया। अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का 20000 करोड़ रु का एफपीओ फुली सब्सक्राइब हुआ था।