कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शॉपी के भारत छोड़ने के निर्णय का पुरजोर स्वागत किया है। उसने कहा कि कोई भी कंपनी जो भारत के संप्रभु कानून व डेटा का उल्लंघन करेगी। उसको शॉपी की तरह भारत छोड़ना पड़ेग। बता दें कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के बीच ई-कॉमर्स कंपनी शॉपी ने सोमवार को भारत में अपना कामकाज बंद करने का ऐलान किया है। कैट ने एक बयान जारी कर कहा कि देश में कई अन्य विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स हैं, जो आदतन भारतीय कानूनों के साथ खिलवाड़ कर रही है। ऐसी कंपनियों को या तो अपने व्यापार करने के तरीके में बदलाव लाना चाहिए, अन्यथा उनको भी शॉपी की तरह अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए। बता दें कि ई-कॉमर्स कंपनी शॉपी ने कुछ महीने पहले भारतीय बाजार में कदम रखा था।
शॉपी में था चीनी कंपनियों का भारी निवेश
कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शॉपी के भारत से बाहर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कैट ने सबसे पहले 16 सितंबर, 2021 को शॉपी के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई थी। इसके साथ ही शॉपी के खिलाफ वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय से कार्रवाई करने की मांग की थी। कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर एसईए समूह के स्वामित्व वाले शॉपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में चाइनीज कंपनी का निवेश है।
शॉपी ने प्रावधानों का उल्लंघन किया था
खंडेलवाल के मुताबिक शॉपी का भारत में प्रवेश का अर्थ भारतीय नागरिकों के डेटा और सुरक्षा से समझौता करना है। दरअसल शॉपी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को संशोधित करने वाले प्रेस नोट नंबर-3 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इस प्रेस नोट के मुताबिक यह जरूरी है कि पड़ोसी देशों से भारत (जिनके साथ भारत भूमि सीमा साझा करता है) में किसी भी एफडीआई की अनुमति सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही दी जाएगी। लेकिन, एसईए लिमिटेड जो शॉपी की होल्डिंग कंपनी है। इसमें चीनी कंपनी टेनसेंट का महत्वपूर्ण स्वामित्व (करीब 25 फीसदी) है।