देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई कमी की एक अलग हकीकत को उजागर किया है। इसे ध्यान और धैर्य से समझना जरूरी है। चिदंबरम ने कीमतों में कटौती और राज्यों से भी इसका पालन करने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण के अनुरोध पर एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण लेते हुए दावा किया, ‘राज्यों से किया गया वित्त मंत्री का आह्वान व्यर्थ है। जब वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क में एक रुपये की कटौती करती हैं, तो उस रुपये का 41 पैसा राज्यों का होता है। इसका मतलब है कि केंद्र ने 59 पैसे और राज्यों ने 41 पैसे की कटौती की है। इसलिए उंगली मत उठाइए।’ उन्होंने ट्विटर पर आगे लिखा, “असली कटौती तब होगी, जब केंद्र पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले उपकर में कटौती करे (जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है)।”
कटौती अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में
21 मई को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट किया कि सीतारमण ने कर कटौती की घोषणा करते समय “उत्पाद शुल्क” शब्दों का इस्तेमाल किया था, लेकिन कटौती अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में थी, जिसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, “मैंने जो कल कमी का पूरा बोझ केंद्र पर पड़ने की बात कही थी, उसे सुधार करता हूं।”