New Delhi news, income tax : इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना है तो सोचिए नहीं और ना देर कीजिए। इसकी मानक समयसीमा आम तौर पर 31 जुलाई होती है, लेकिन आयकर विभाग करदाताओं की विशिष्ट श्रेणियों के लिए अतिरिक्त फाइलिंग तिथियां का मौका देता है। इसमें ऐसे व्यक्ति और व्यवसाय शामिल हैं, जिन्हें अपने वित्तीय रिकॉर्ड को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय की चाहिए होती है। इन करदाताओं के पास अपना ITR दाखिल करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय है। यह विस्तार उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ ऑडिट प्रक्रिया पूरी करने के लिए पर्याप्त समय देता है। अगर आप अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की 31 जुलाई की अंतिम तिथि से चूक गए हैं, तो भी आप विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यहां विवरण और याद रखने योग्य महत्वपूर्ण तिथियाँ दी गई हैं।
इंटरनेशनल लेनदेन में शामिल व्यवसाय
इन संस्थाओं को अक्सर हस्तांतरण मूल्य निर्धारण के लिए व्यापक दस्तावेज़ीकरण और विश्लेषण की आवश्यकता होती है। उनके पास 30 नवंबर तक की विस्तारित समय सीमा है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि नियत तिथि के बाद अपना ITR दाखिल करने पर जुर्माना लगेगा। जुर्माने की राशि आपकी आय के स्तर पर निर्भर करती है। यदि आप 31 जुलाई के बाद लेकिन 31 दिसंबर से पहले अपना आईटीआर दाखिल करते हैं तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। 5 लाख रुपये तक की कुल आय वाले करदाताओं के लिए जुर्माना 1,000 रुपये तक सीमित है।
लेट रिटर्न दाखिल करने के चरण
✓आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं: आयकर विभाग ई-फाइलिंग।
✓ लॉगइन/रजिस्टर: उपयोगकर्ता आईडी के रूप में अपने पैन का उपयोग करें।
✓ प्रासंगिक फॉर्म चुनें: अपने आय स्रोतों के आधार पर उपयुक्त आईटीआर फॉर्म का चयन करें।
✓ कर निर्धारण वर्ष का चयन करें: सुनिश्चित करें कि आपने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कर निर्धारण वर्ष 2024-25 का चयन किया है।
✓विवरण भरें: अपनी आय का विवरण दर्ज करें, कटौती का दावा करें, और देय कर की गणना करें।
✓ कर का भुगतान करें: लागू ब्याज और दंड के साथ किसी भी बकाया कर का भुगतान करें।