World (दुनिया) के दिग्गज अरबपतियों में शामिल भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 19 अप्रैल को 65 साल के हो गए। अपने पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथ में ली और कंपनी को सफलता के शीर्ष पर पहुंचा दिया। उनके 66 वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई।
आरआईएल का मार्केट कैप 17 लाख करोड़ से भी ज्यादा
बता दें कि आज के समय में अंबानी की कंपनी आरआईएल का मार्केट कैप 17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है और इस हिसाब से यह दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची में 42वें स्थान पर है।
दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति
दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 11वें पायदान पर काबिज हैं। वर्तमान में उनकी नेटवर्थ 94.9 अरब डॉलर है। इस मुकाम तक पहुंचने का मुकेश अंबानी का सफर बेहद दिलचस्प रहा। उनके पिता दिवंगत धीरूभाई अंबानी जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़कर गए थे, वहां से अंबानी कंपनी को ऐसे मुकाम पर ले गए, जहां देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां उससे काफी पीछे रह गईं।
75000 करोड से 17 लाख करोड़ तक का लंबा सफर
75,000 करोड़ को 17 लाख करोड़ बनाया
मुकेश अंबानी ने अपनी मेहनत और लगन से रिलायंस इंडस्ट्रीज को देश की सबसे बड़ी के कंपनी बना दिया। यहां बता दें कि साल 2002 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 75,000 करोड़ रुपये था, जो अब मुकेश अंबानी के कुशल नेतृत्व में बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। वहीं दूसरी ओर उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कैपिटल अब बिकने की कगार पर पहुंच चुकी है।
इस तरह बढ़े कामयाबी के कदम
लगातार बढ़ते गए मुकेश अंबानी के कदम
मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान हाथ में लेने के बाद न केवल पेट्रोलियम बल्कि रिटेल, लाइफ साइंसेज, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम और इंफ्रास्क्ट्रक्चर के क्षेत्र में अपनी दमदार दस्तक दी। उनकी रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल बिजनेस की कंपनी है और अमेजन को टक्कर दे रही है। वहीं 2016 में मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो को लॉन्च किया और 2जी और 3जी पर चल रही टेलीकॉम कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए 4जी सुविधा देते हुए इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी।
रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत
गौरतलब है कि केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 1981 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत की। इसके बाद 1985 में कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया। पेट्रोलियम के अलावा मुकेश अंबनी ने टेलीकॉम क्षेत्र में भी अपने कदम आगे बढ़ाए और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना की।
2002 से आरआईएल के चेयरमैन
6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथ में ली। हालांकि, पिता का निधन होते ही उनके और छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया और ये विवाद बंटवारे तक पहुंच गया। बंटवारे के तहत रिलायंस इंफोकॉम छोटे भाई अनिल अंबानी के पास पहुंच गई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मुकेश अंबानी के पास आ गई।