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ऐसा मत कीजिए : मिनिमम बैलेंस नहीं होने के कारण बच्चों की सरकारी सहायता की राशि से भी की जा रही कटौती, यह…

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Cut in government help money due to lack of minimum  balance. Jharkhand (झारखंड) के सरकारी स्कूल के बच्चों के खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं होने के कारण नहीं मिल रही सहायता राशि से कटौती करना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।  जिन बच्चों को पिछले 10 माह की कुकिंग कॉस्ट की राशि दी गई, उनके खाते से भी मिनिमम बैलेंस के नाम पर राशि काट ली गई। ऐसा सिर्फ राजधानी रांची में ही नहीं, राज्य के अधिकतर जिलों के बच्चों के साथ हुआ है। जिन बच्चों को कुकिंग कॉस्ट की राशि पहले मिली और वे निकाल चुके हैं, तो अगली पोशाक-छात्रवृत्ति की राशि मिलने पर कटौती की संभावना नजर आ रही है।

बच्चों को दी जा रहे सरकारी सहायता

प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को अप्रैल 2021 से जनवरी-फरवरी 2022 तक के लिए 206 दिन के कुकिंग कॉस्ट की राशि दी जा रही है। इसमें पहली से पांचवीं के बच्चों को 4.95 रुपये की दर से 847 रुपये और छठी से आठवीं के बच्चों को 7.45 रुपये की दर से 1534 रुपये मिल रहे हैं। बैंकों की ओर से खाते में सालभर मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर दो सौ से तीन सौ रुपये तक काटे जा रहे हैं। ऐसे में जिन बच्चों को 1000-1500 रुपये मिलने हैं, उससे तीन सौ रुपये तक कटने से छात्रों को परेशानी हो रही है।

300 रुपये की कटौती

स्कूली बच्चों का बैंक खाता सरकारी योजनाओं की राशि जीबीटी के माध्यम से देने के लिए होती है। किसी योजना की राशि आने पर छात्र-छात्रा उसे निकालते हैं। अब अगर छह सौ रुपये सरकार दो जोड़ी पोशाक खरीदने के लिए देगी और उसमें से दो सौ या तीन सौ रुपये बैंक काट लेंगे तो बच्चों का पोशाक कैसे खरीदा जाएगा। कई बार बैठकों में भी बैंकों से मिनिमम बैलेंस के नाम पर राशि कटौती नहीं करने को कहा जाता है, बैंक इसमें हामी भी भरते हैं, लेकिन जब राशि जाती है तो इसमें कटौती हो जाती है और उसकी वापसी भी नहीं होती है।

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