कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है बिहार के नवादा जिले के छात्र सूरज कुमार ने। नवादा मंडल कारा में बंद रहने के बावजूद सूरज कुमार ने आईआईटी की संयुक्त एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स की परीक्षा में बड़ी सफलता हासिल की है। सूरज ने जैम की परीक्षा में पूरे भारत में 54वां स्थान हासिल किया है। सूरज अब आईआईटी रुड़की में दाखिला लेकर मास्टर डिग्री की पढ़ाई करेगा।
कारा अधीक्षक ने जेल में ही करवाई तैयारी
छात्र सूरज की सफलता के पीछे तत्कालीन मंडल कारा अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय का अहम रोल रहा है। कारा अधीक्षक ने जेल के भीतर ही परीक्षा की तैयारी के लिए सूरज को किताबें और नोट्स समेत अन्य सामग्री उपलब्ध करा दी थी। इसके बाद सूरज ने जेल के भीतर तैयारी कर कीर्तिमान स्थापित कर दिया। सूरज ने 13 फरवरी को पेरोल लेकर जेल से बाहर जाकर परीक्षा दी थी। जिले में वारिसलीगंज के मोसमा गांव के अर्जुन यादव का बेटा सूरज कुमार उर्फ कौशलेंद्र कुमार इससे पहले आईआईटी जेईई की परीक्षा के लिए कोटा में रहकर एक साल तक तैयारी की थी।
आपसी झगड़े में कर दी थी हत्या
बताते चलें कि सूरज पर 19 अप्रैल 2021 को मौसमा गांव में 45 वर्षीय संजय यादव की बुरी तरह पिटाई में मौत होने का आरोप लगा है। इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सूरज को 19 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके पिता अर्जुन यादव ने बताया कि सूरज उच्च शिक्षा पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। जेल में रहते हुए सूरज ने ऑल इंडिया में 54वीं रैंक पाकर जिले का गौरव बढ़ाया है। वारसलीगंज प्रखंड के रहने वाले पिता अर्जुन यादव के बेटे सूरज कुमार की सफलता पर लोगों ने हर्ष जताया है।अर्जुन यादव ने बताया कि सूरज का सपना वैज्ञानिक बनने का है।