Mumbai news, Bollywood news : बॉलीवुड में अपने-अपने जमाने में जिन हस्तियों ने उस क्षेत्र में अलग सितारा बनकर अपनी चमक बिखेरी, उनमें टीवी पर ‘रामायण’ बनाकर करोड़ लोगों में रामभक्ति की अलख जगाने वाले रामानंद सागर को कोई नहीं भुला सकता। ऐसी बहुमुखी प्रतिभा का धनी व्यक्तित्व बॉलीवुड में गिने-चुने ही होंगे। वाकई 19 साल पहले दिवंगत होने वाली इस महान हस्ती का कृत्य अमिट है। रामानंद सागर की प्रतिभा का आकलन इससे लगा जा सकते हैं कि वह डायरेक्टर होने के साथ उम्दा लेखक, स्क्रिप्ट राइटर, डायलॉग राइटर और प्रोड्यूसर भी थे। राजेंद्र कुमार और साधना की ‘आरजू’ फिल्म में उनके डायरेक्शन का कमाल तो दिखता ही है, गीतों ने भी अलग छाप छोड़ी। ‘अजी हमसे बचकर कहां जाइएगा, जहां जाइएगा, वहां पाइएगा। दशकों पहले की इस फिल्म का यह गीत आज भी सुनिए तो झूम उठिएगा।
नानी ने दिया था यह नाम
यह गीत साबित करता है की रामानंद सागर के योगदान का क्षेत्र इतना व्यापक है कि आप कहीं भी उन्हें पा सकते हैं। रामायण जैसा टीवी सीरियल बनाने वाले रामानंद सागर का असली नाम यह नहीं था, इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होगी। उनका असल नाम चंद्रमौली चोपड़ा था। उन्हें रामानंद नाम उनकी नानी ने दिया था।
‘रामायण’ की लोकप्रियता अपार
80 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय रामानंद सागर ने ‘रामायण‘ सीरियल शुरू किया था। कहा जाता है कि रामानंद सागर के रामायण का जब टेलीकास्ट होता था, तब सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। आज के दौर में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। राम और सीता के रोल में अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को आज भी याद किया जाता है। रामानंद सागर की रामायण का नाम सबसे ज्यादा देखे जाने वाले माइथोलॉजिकल सीरियल के तौर पर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। सचमुच इस सीरियल को बनाने में रामानंद सागर ने अपनी प्रतिभा का एक-एक हिस्सा उडेल दिया। वह खुद भी बड़े रामभक्त बन गए। आज के समय में उन्हें हम एक रामभक्त के रूप में ही याद करें, तो ज्यादा उचित है।